नई दिल्लीः 7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए जरूरी खबर है. उनके महंगाई भत्ते (DA) को लेकर नया अपडेट आया है. कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में जुलाई में फिर बढ़ोतरी होने जा रही है, मगर इस बार महंगाई भत्ते के कैलकुलेशन के फॉर्मूले में बदलाव होगा.
नए तरीके से कैलकुलेट होगा महंगाई भत्ता
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक यानी कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (AICPI) में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. अब महंगाई भत्ते का कैलकुलेशन नए तरीके से किया जाएगा.
श्रम मंत्रालय ने किया कैलकुलेशन में बदलाव
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो महंगाई भत्ते को लेकर श्रम मंत्रालय ने कैलकुलेशन के फॉर्मूले में बदलाव किया है. दरअसल, श्रम मंत्रालय ने महंगाई भत्ते के आधार वर्ष में 2016 में परिवर्तन किया है. मजदूरी दर सूचकांक की नई सीरीज जारी की गई है. आधार वर्ष 2016=100 के साथ मजदूरी दर सूचकांक की नई सीरीज 1963-65 के आधार वर्ष की पुरानी सीरीज की जगह लेगी.
बेसिक सैलरी पर तय होता है महंगाई भत्ता
आपको बता दें कि डीए की मौजूदा दर को बेसिक सैलरी से गुणा करने पर महंगाई भत्ते का कैलकुलेशन किया जाता है. उदाहरण के लिए किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 25 हजार रुपये है तो मौजूदा 34 प्रतिशत डीए के हिसाब से महंगाई भत्ता 8500 रुपये होगा.
इसलिए दिया जाता है महंगाई भत्ता
केंद्र और राज्य की सरकारें अपने कर्मचारियों के रहन-सहन के स्तर को बेहतर करने के लिए महंगाई भत्ता देती हैं. महंगाई भत्ता बढ़ाने की वजह यह है कि महंगाई बढ़ने का असर कर्मचारियों के रहन-सहन पर न पड़े. यह कर्मचारियों के वेतन का हिस्सा होता है.
पेंशनभोगियों को मिलता है डीआर
जहां कर्मचारियों को महंगाई भत्ता मिलता है, वहीं पेंशनभोगियों को महंगाई राहत (DR) दिया जाता है. महंगाई भत्ता टैक्सेबल होता है. आयकर नियमों के अनुसार इनकम टैक्स रिटर्न में डीए के बारे में अलग से जानकारी देनी होती है.
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