AIIMS में बढ़ेगी बेड्स की संख्या, आंकड़ों से समझिए मरीजों को मिलेगी कितनी राहत

AIIMS में इलाज कराने वाले मरीजों को राहत मिलने वाली है. जानकारी के अनुसार एम्स में बेड्स की संख्या बढ़ाई जाएगी. जिसके बाद मरीजों को वेटिंग (Waiting) से राहत मिलेगी. आपको बता दें, मरीजों के लिए बिस्तर 30% तक बढ़ जाएंगे.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 25, 2023, 05:46 PM IST
  • एम्स बढ़ाएगा बेड्स की संख्या
  • मरीजों को कतार से मिलेगी राहत
AIIMS में बढ़ेगी बेड्स की संख्या, आंकड़ों से समझिए मरीजों को मिलेगी कितनी राहत

नई दिल्ली: देश के सबसे भरोसेमंद अस्पताल एम्स में इलाज कराने के लिए मरीजों का काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है. AIIMS में बेड्स मिलने में काफी मुश्किलें होती है, ऐसे में मरीजों की बेहतरी के लिए एम्स कुछ नए और बेहतर कदम उठाए हैं. दरअसल, एम्स में भर्ती होने वाले मरीजों के लिए बेड की संख्या को बढ़ाए जाने का फैसला लिया गया है. 

30% तक बढ़ जाएंगे मरीजों के लिए बिस्तर
जानकारी के अनुसार साधारण बेड में 10%, तो आईसीयू बेड में 30% तक की बढ़ोतरी की जा सकती है. जनसंपर्क विभाग की प्रमुख डॉक्टर रीमा दादा के मुताबिक एम्स ने हाल ही में जच्चा बच्चा डिपार्टमेंट अलग से शुरू किया है. इसके अलावा सर्जरी विभाग, साथ ही बुजुर्ग लोगों के लिए जिरियाट्रिक मेडिसिन, (Geriatric medicine) प्लास्टिक सर्जरी और बर्न डिपार्टमेंट (burn department) को हाल ही में अलग करके शुरू किया गया है. जिसकी वजह से कुछ बेड की संख्या बढ़ी है.

इसी के साथ इमरजेंसी के मरीजों के लिए भी बेहतर कदम उठाए गए हैं. जानकारी के मुताबित एम्स में 3000 बेड अलग से बढ़ाए जाएंगे, जिसमें से दस फीसदी यानी 300 बेड्स सिर्फ आपातकाल मरीजों के लिए रहेंगे.

एम्स के गेट पर मरीजों की भीड़ लगातार बनी हुई है. इसके लिए एम्स के अंदर कैंपस में और मेन गेट पर मरीजों की भीड़ कम करने की कोशिश में रैन बसेरा बढ़ा दिए गए हैं. हालांकि इसके बावजूद भीड़ कम नहीं हो रही है. दिल्ली के अलावा भारत में इस वक्त 17 अलग-अलग AIIMS अलग-अलग चरणों में काम कर रहे हैं, लेकिन पूरी तरह से फंक्शनल ना होने के चलते कई  AIIMS से मरीजों को दिल्ली रेफर कर दिया जाता है.

अलग-अलग राज्यों से दिल्ली आ रहे मरीज
ज़ी मीडिया ने जमीनी हकीकत को समझने के लिए लोगों से बातचीत की. इस दौरान बिहार के दरभंगा से आए सत्यनारायण मिश्रा 2012 से अलग-अलग बीमारियों के लिए एम्स के चक्कर काट रहे हैं, इनकी फाइल मोटी हो चुकी है. बार-बार तारीख मिलने के बाद भी इन्हें इलाज पर पूरा भरोसा है. सत्यनारायण मिश्रा ने बताया कि AIIMS के इलाज से इनका कैंसर ठीक हो गया और अब यह दिल की बीमारी का इलाज करवा रहे हैं.

मरीजों को जानकारी देने के लिए एम्स के मेन गेट पर एक हेल्पलाइन काउंटर भी स्थापित किया गया है. हालांकि मरीजों का ये दर्द सामने आ जाता है कि इस काउंटर किसी को यह जानकारी क्यों नहीं दी जाती कि इलाज, टेस्ट और ऑपरेशन के लिए जो महीनों बाद की तारीखें मिल रही है, उसे जल्द कैसे किया जा सकता है.

मरीजों की बेहतरी के लिए उठाए गए ये कदम..
1 मार्च से एम्स में मिलेट्स कैंटीन की शुरुआत की जाएगी. जिसमें मोटे अनाज वाला खाना और स्नैक्स मिलेंगे. अन्य कैंटीन में भी सेहतमंद खाने के ऑप्शन शामिल किए जाएंगे.

ई कैजुअल्टी यानी इमरजेंसी में कितने बेड शेष बचे हैं, इसकी जानकारी ऑनलाइन हासिल की जा सकेगी. मुख्य वेबसाइट पर इमरजेंसी डैशबोर्ड का विकल्प मौजूद है. हालांकि कुछ तकनीकी परेशानियों के चलते ये लिंक फिलहाल काम नहीं कर रहा है.

फिलहाल एम्स में बेड बढ़ाने के लिए बजट के आवंटन का इंतजार हो रहा है. मरीजों को राहत देने का प्लान कागजों पर तैयार है, उन्हें अमल में आने में अभी इंतजार करना पड़ सकता है.

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