नई दिल्ली: दिन बीतने के साथ-साथ दुनिया पर कोरोना वायरस का शिकंजा और कसता चला जा रहा है. लेकिन कोरोना से हार मानने के बजाय दुनिया भर में कोरोना से लड़ने की तैयारियां भी तेज हो गई हैं. रोजाना कोरोना वायरस से जुड़ी नई रिसर्च सामने आ रही है. वैक्सीन और दूसरे मेडिकल उपकरण भी बनाए जा रहे हैं.
कोरोना पर नई रिसर्च से मिली बड़ी जानकारी
अब कोरोना वायरस के एक ऐसे लक्षण के बारे में पता चला है. जिससे कोरोना संक्रमण के एक घंटे के अंदर कोविड 19 संक्रमण के संकेत मिल सकते हैं. दुनिया के कई देशों में कोरोना के मरीजों में सूंघने की शक्ति अचानक खत्म हो गई, अब विश्व स्वास्थ्य संगठन भी इस रिसर्च को बहुत गंभीरता से ले रही है.
सूंघने की शक्ति खत्म कर देता है कोरोना!
कोरोना के संक्रमण को रोकने में जुटी दुनिया के सामने सबसे बड़ी मुश्किल इस बात को लेकर खड़ी हो रही है कि कोविड 19 से संक्रमित होने के कुछ दिनों बाद इसके लक्षण दिखने शुरू होते हैं. शुरूआत में जांच नहीं होने पर कोरोना वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंच जाता है. लेकिन इस नई रिसर्च के बाद कोरोना संक्रमण की पहचान शुरूआत में ही की जा सकती है और कोई व्यक्ति अचानक सूंघने की शक्ति पूरी तरह से खत्म होने पर डॉक्टर से फौरन संपर्क कर सकता है.
दुनिया के कई मरीजों में दिखाई दिए लक्षण
अचानक पूरी तरह से सूंघने की शक्ति खत्म होना कोरोना के शुरूआत लक्षण हो सकते हैं. कोरोना संक्रमण के कुछ घंटों बाद ही ये लक्षण नजर आते हैं. जर्मनी में 66 प्रतिशत कोरोना मरीजों में ये लक्षण दिखाई दिए. दक्षिण कोरिया में भी 30 फीसदी लोगों में ये लक्षण दिए. ब्रिटेन में डॉक्टरों को कई मरीजों के अंदर ये लक्षण दिखाई दिए. इसके अलावा डायरिया भी कोरोना का लक्षण हो सकता है.
कोरोना संक्रमण से खत्म होती है सूंघने की क्षमता
इन लक्षणों के दिखने के बाद लोग सतर्क तो हो सकते हैं. लेकिन सूंघने की शक्ति का सिर्फ कम होना कोरोना के 100 प्रतिशत संक्रमण की गारंटी नहीं हैं. डॉक्टर्स का मानना है कुछ और वायरल इंफेक्शन में भी इस तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं.
कोरोना के पुराने लक्षण
चलिए अब आपको कोरोना के उन लक्षणों के बारे में भी बता देते हैं. जिनके नजर आने के बाद फौरन डॉक्टर से संपर्क करना बेहद जरूरी है कोरोना से संक्रमित लोगों को संक्रमित को बुखार होगा, गले में खराश होना, सूखी खांसी कोरोना के लक्षण, मांसपेशियों में दर्द और सांस लेने में तकलीफ होती है. इन लक्षणों के अलावा अगर कोरोना के नए लक्षण किसी व्यक्ति में नजर आते हैं तो उसे सतर्क हो जाना चाहिए और फौरन डॉक्टर्स से संपर्क करना चाहिए.
अब आपको बताते हैं मर्सिडीज कंपनी की एक ऐसी रिसर्च के बारे में जिससे दुनिया भर में वेंटिलेटर्स की कमी को पूरा किया जा सकता है
कोरोना से जंग में 'मर्सिडीज' का 'आविष्कार'
मर्सिडीज ने सांस लेने में मदद करने वाली मशीन तैयार की है. मर्सिडीज के "फॉर्मूला-1" के इंजीनियरों ने इस मशीन को तैयार किया है. जानकारी के अनुसार इस मशीन को सिर्फ 4 दिनों में लंदन यूनिवर्सिटी की मदद से तैयार किया गया है.
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डिवाइस का नाम Continuous positive airway pressure (CPAP) रखा गया है. सूचना के मुताबिक 100 CPAP का क्लीनिकल ट्रायल लंदन में शुरू हो गया है. एक दिन में 300 CPAP डिवाइस तैयार करने की क्षमता है. साथ ही दूसरी "फॉर्मूला-1" कंपनियां साथ आएं तो 1000 डिवाइस बन सकते है. जिससे दुनिया भर में वेंटिलेटर की कमी दूर हो सकती है.
सारी दुनिया इस वक्त कोरोना से लड़ाई में अपने पूरे संसाधनों के साथ लगी हुई. लेकिन दुनिया पर कोरोना का अटैक इतना तगड़ा है कि महाशक्तियां भी कोरोना वायरस के सामने पस्त नजर आ रही हैं. हर किसी को सावधानी और सतर्कता बरतने की आवश्यकता है क्योंकि इस युद्ध को संकल्प और संयम से ही जीता जा सकता है.
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