नई दिल्लीः दिल्ली में 24 प्रतिशत प्रदूषण की वजह सिर्फ बाइक और स्कूटर हैं. यह दावा सफर ने किया है. अपनी पिछली स्टडी में भी सफर ने दिल्ली में 41 प्रतिशत प्रदूषण की वजह यहां के ट्रांसपोर्ट यानी गाड़ियों को बताया था. सफर की रिपोर्ट के अनुसार, इसमें भी बाइक की वजह से 14 प्रतिशत और स्कूटरों की वजह से 10 प्रतिशत प्रदूषण है. इसके अलावा ट्रक और बसों की हिस्सेदारी इस प्रदूषण में 20-20 प्रतिशत है. ऑटो और कारें भी दिल्ली को काफी प्रदूषित कर रही हैं.
2.5 की संख्या हुई है कम
सफर के प्रॉजेक्ट डायरेक्टर के अनुसार, दिल्ली में स्कूटर और बाइक की वजह से ज्यादा प्रदूषण की वजह इनका कम मेंटनेंस होना है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से ट्रकों को लेकर बंदिशें लगाई गई हैं, ऐसा ही इस सेग्मेंट में भी किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि आमतौर पर ऐसा समझा जाता है कि बाइक-स्कूटर पेट्रोल से दौड़ते हैं तो उनसे कम प्रदूषण होता है. इसी स्टडी में यह भी बताया गया है कि 2015 के बाद से राजधानी में सालाना पीएम 2.5 की संख्या कम हो रही है. हालांकि अब भी यह तय मानकों से काफी अधिक है. 2010 में पीएम 2.5 का औसत 111 रहा था, जो 2018 में 101 रहा है, जबकि 2019 में यह नवंबर तक 92 रहा है. वैसे इसे 40 तक होना चाहिए, लेकिन अभी भी यह दोगुना ही है.
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साल में 84 दिन ही मिल रही साफ हवा
सफर की स्टडी में दावा किया गया है कि पूरे साल में दिल्ली को महज 23 प्रतिशत दिन (लगभग 84 दिन) ही सामान्य स्तर की हवा मिलती है. वहीं सिर्फ 51 दिन ही दिल्ली वालों को संतोषजनक स्तर की हवा मिलती है. 38 प्रतिशत दिन बेहद खराब और 1 प्रतिशत दिन गंभीर स्तर की हवा मिलती है. सफर के मुताबिक, अगर सिर्फ सर्दियों के चार महीनों की बात की जाए तो दिल्ली वालों को सिर्फ 4 प्रतिशत दिन ही साफ हवा मिलती है.
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