इन लोगों के लिए खुशखबरी! पेंशन और यात्रा भत्ता बढ़ाने पर लगी मुहर

छत्तीसगढ़ विधानसभा ने बुधवार को एक संशोधन विधेयक पारित किया, जिसमें पूर्व विधायकों के पेंशन और यात्रा भत्ते में वृद्धि का प्रस्ताव है. विधानसभा में आज संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने सोमवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा सदस्य वेतन, भत्ता और पेंशन (संशोधन) विधेयक 2023 पेश किया था, जिस पर बुधवार को चर्चा हुई. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 23, 2023, 06:55 AM IST
  • रेलवे/हवाई यात्रा के लिए भी बढ़ाया गया भत्ता
  • 16.96 करोड़ रुपये सालाना का पड़ेगा बोझ
इन लोगों के लिए खुशखबरी! पेंशन और यात्रा भत्ता बढ़ाने पर लगी मुहर

नई दिल्लीः छत्तीसगढ़ विधानसभा ने बुधवार को एक संशोधन विधेयक पारित किया, जिसमें पूर्व विधायकों के पेंशन और यात्रा भत्ते में वृद्धि का प्रस्ताव है. विधानसभा में आज संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने सोमवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा सदस्य वेतन, भत्ता और पेंशन (संशोधन) विधेयक 2023 पेश किया था, जिस पर बुधवार को चर्चा हुई. 

पूर्व विधायकों में टेलीफोन-अर्दली भत्ता देने का प्रस्ताव
इस विधेयक में पूर्व विधायकों को टेलीफोन और अर्दली भत्ता देने का प्रस्ताव है. विधेयक के मुताबिक पूर्व विधायकों की पेंशन 35,000 रुपये से बढ़ाकर 58,300 रुपये की जाएगी. विधेयक के मुताबिक पूर्व विधायक अपनी सदस्यता के पहले कार्यकाल (पांच वर्ष से अधिक कार्यकाल) के बाद प्रत्येक एक वर्ष के लिए प्रति माह एक हजार रुपये की अतिरिक्त पेंशन पाने का भी हकदार होगा.

रेलवे/हवाई यात्रा के लिए भी बढ़ाया गया भत्ता
विधेयक में कहा गया है कि प्रत्येक मौजूदा सदस्य रेलवे/हवाई यात्रा के लिए मौजूदा आठ लाख रुपये प्रति वर्ष के बजाय 10 लाख रुपये प्रति वर्ष का भत्ता पाने का हकदार होगा. इसी तरह पूर्व विधायकों के लिए यह भत्ता चार लाख रुपये प्रति वर्ष से बढ़ाकर पांच लाख रुपये प्रति वर्ष किया जाएगा. 

इसके अलावा पूर्व विधायक टेलीफोन भत्ता के लिए 10 हजार रुपये और अर्दली भत्ता के लिए 15 हजार रुपये पाने का हकदार होगा. अधिकारियों ने बताया पहले पूर्व सदस्यों के लिए टेलीफोन और अर्दली भत्ते का कोई प्रावधान नहीं था. 

16.96 करोड़ रुपये सालाना का पड़ेगा बोझ
उन्होंने कहा कि पेंशन और भत्तों में वृद्धि से राज्य के खजाने पर लगभग 16.96 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वार्षिक बोझ पड़ने की संभावना है. विधानसभा में पिछले वर्ष जुलाई में मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, मंत्रियों और विधायकों के वेतन में वृद्धि के लिए विधेयक पारित किया था, जिससे राज्य के खजाने पर 6.81 करोड़ रुपये का वार्षिक बोझ पड़ा था. छत्तीसगढ़ विधानसभा में 90 सदस्य हैं.

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