नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में होने वाली भर्तियों की प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) द्वारा एक ही परीक्षा आयोजित की जाएगी.
हर जिले में होगा एक परीक्षा केंद्र
कार्मिक एवं प्रशिक्षण राज्य मंत्री सिंह ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सरकार की योजना संयुक्त पात्रता परीक्षा को इसी साल शुरू करने की थी लेकिन यह संभव नहीं हो सका.
उन्होंने कहा कि नयी व्यवस्था के तहत देश के प्रत्येक जिले में कम से कम एक परीक्षा केंद्र होगा ताकि किसी को असुविधा नहीं हो.
उन्होंने कहा कि शुरूआती चरण में बैंक, रेलवे और कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) से जुड़े पदों को इस परीक्षा में शामिल किया जाएगा और आगे चलकर इस व्यवस्था को व्यापक बनाया जाएगा.
सिंह ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि इस सरकार के सात साल के कार्यकाल में न सिर्फ भर्ती प्रक्रिया को तेज किया गया है बल्कि नए पदों के सृजन पर भी जोर दिया गया है.
मोदी सरकार के कार्यकाल में की गईं 6.98 लाख भर्तियां
उन्होंने कहा कि 2014 में इस सरकार के कार्यभार संभालने के समय केंद्रीय पदों की कुल स्वीकृत संख्या 36.45 लाख थी जो 2020 के अंत तक बढ़कर 40.04 लाख हो गयी है.
सिंह ने कहा कि इस सरकार के पहले के सात साल यानी 2007-08 से 2013-14 के दौरान 6.19 लाख नियुक्तियां की गयीं जबकि इस सरकार के कार्यकाल में अब तक 6.98 लाख भर्तियां की गयीं. हालांकि इस दौरान करीब डेढ़ साल का समय कोविड-19 महामारी से भी प्रभावित रहा.
उन्होंने स्वीकार किया कि मुकदमेबाजी के कारण भी कई बार भर्तियों में देरी होती है लेकिन सरकार की ओर से कोई विलंब नहीं किया जाता है. उन्होंने प्रोन्नति में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा कि यह मामला अभी न्यायालय में है.
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