नई दिल्ली. आयकर रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख धीरे धीरे नजदीक आती जा रही है. इस महीने की आखिरी तारीख यानी कि, 31 जुलाई आईटीआर भरने की लास्ट डेट है. आईटीआर भरने के लिए हमें कुछ दस्तावेजों की जरूरत भी पड़ती है.
फॉर्म 16 इन्हीं कुछ दस्तावेजों में से एक है. फॉर्म 16 आईटीआर भरने के लिए प्रयोग होने वाले सबसे अहम दस्तावेजों में से एक है. हालांकि आईटीआर फाइल करने वाले ज्यादातर लोगों को फॉर्म 16 के बारे में सही और पूरी जानकारी नहीं होती है.
क्या होता है फॉर्म 16
फॉर्म 16 किसी कंपनी की तरफ से इंप्लॉई को दिया जाता है. फॉर्म 16 में इंप्लाई की सैलरी और उस पर काटे गए टैक्स की पूरी जानकारी होती है. इसके अलावा अगर आपने अलग अलग जगह पर निवेश किया है और आपको टैक्स बेनीफिट मिला है तो उसकी जानकारी भी फॉर्म 16 में होती है. बता दें कि फॉर्म 16 दो भागों में बंटा होता है.
फॉर्म 16 का पहला पार्ट
बता दें कि, फॉर्म 16 के पहले पार्ट में सैलरी पर काटे गए टैक्स के बारे में जानकारी होती है. फॉर्म 16 के पहले पार्ट को नौकरी देने वाली संस्था की तरफ से जनरेट और डाउनलोड किया जाता है.
फॉर्म 16 के पहले पार्ट में नौकरी देने वाली संस्था का नाम और पता, नौकरी देने वाली संस्था का पैन नंबर, और टैन साथ ही कर्मचारी के पैन नंबर जैसी जानकारियां शामिल होती हैं. इसके अलावा फॉर्म 16 में कर्मचारी से संबंधित भुगतान या क्रेडिट की गई राशि और स्रोत पर टैक्स कटौती की समरी भी शामिल होती है.
फॉर्म 16 का दूसरा पार्ट
फॉर्म 16 के दूसरे भाग में आपकी सैलरी से जुड़ी विस्तृत डिटेल होती है. फॉर्म 16 के दूसरे भाग में टैक्स से लेकर डिडक्शन तक की तमाम जानकारियां शामिल होती हैं. इसके अलावा आयकर कानून की धारा 10 के तहत छूट की सीमा से लेकर भत्ते तक की सारी जानकारियां भी इसमें शामिल होती हैं.
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