Home Loan: अपना घर खरीदने का सुनहरा मौका, बैंकों ने की MCLR दरों में कटौती

कई बैंकों ने अपनी होम लोन स्कीम में ब्याज दर को घटाया है. इनमें से कई बैंकों की ब्याज दर 7 प्रतिशत से भी कम है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 9, 2021, 01:21 PM IST
  • कई बैंकों ने किया MCLR में बदलाव
  • सात फीसदी ब्याज पर मिल रहा लोन
Home Loan: अपना घर खरीदने का सुनहरा मौका, बैंकों ने की MCLR दरों में कटौती

नई दिल्ली: अगर आप कार या घर खरीदना चाहते हैं, तो आपके पास लोन पर घर या कार खरीदने का सुनहरा मौका है. हाल ही में, कई बैंकों ने होम लोन की ब्याज दरें कम कर दी हैं. HDFC और कैनरा बैंक ने अपनी MCLR दरों में कटौती की है. दरों में कटौती के कारण ब्याज दरों में भी कमी आई है. 

HDFC दे रहा 7 फीसदी ब्याज पर लोन
HDFC बैंक ने हाल ही में अपनी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में कुछ बदलाव किए हैं. बैंक द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, HDFC बैंक की ओवरनाइट MCLR 6.85 फीसदी है. जबकि एक महीने की अवधि के लिए यह 6.9 फीसदी है. बैंक ने तीन महीने की अवधि के लिए MCLR 6.95 फीसदी तय किया है. 

वहीं 6 महीने की अवधि के लिए MCLR दर 7.05 फीसदी है. एक साल की अवधि के लिए यह दर 7.2 फीसदी है. दो साल की अवधि के लिए MCLR 7.3 फीसदी है. तीन साल की अवधि के लिए MCLR 7.4 फीसदी तय किया गया है. बैंक द्वारा जारी की गई यह सभी दरें 8 फरवरी, 2021 से लागू होंगी. 

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कैनरा बैंक भी दे रहा 7 फीसदी पर लोन
कैनरा बैंक ने कुछ दिनों पहले ही मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में ०.1 फीसदी की कटौती की है. बैंक द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी एक अनुसार, ओवरनाइट और एक महीन की अवधि के लिए MCLR 6.7 फीसदी तय किया गया है. 

छह महीने की अवधि के लिए MCLR 7.3० फीसदी तथा तीन महीने की अवधि के लिए 6.95 फीसदी है. इसके साथ ही एक साल की अवधि के लिए MCLR 7.35 फीसदी तय किया गया है. कैनरा बैंक ने अपने रेपो रेट में कोई परिवर्तन किया है. 

MCLR क्या है ? 
MCLR के घटने अथवा बढ़ने का प्रभाव नए लोन आवेदकों पर पड़ता है. MCLR के घटने अथवा बढ़ने का असर अप्रैल, 2016 के बाद लोन लेने वाले आवेदको पर भी पड़ेगा. साल 2016 से पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा तय किए गए न्यूनतम बेस रेट से नीचे कोई भी बैंक किसी भी ग्राहक को लोन नहीं दे सकती थी. 1 अप्रैल, 2016 के बाद से बैंकों के लोन देने की प्रक्रिया को लेकर नया नियामक MCLR लागू कर दिया गया. MCLR किसी भी बैंक द्वारा ग्राहकों को दी जाने वाली न्यूनतम दर है. अब बैंक MCLR के आधार पर ही ग्राहकों को लोन दे सकते हैं.  

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