नई दिल्लीः कोरोना के कारण जारी विश्व व्यापी तालाबंदी और भारत का 21 दिनों का लॉकडाउन हर तरह के कारोबार पर भारी पड़ रहा है. किसान परेशान हैं, निवेशकों चिंता में हैं, खुदरा और छोटे व्यापारियों को भी आगे की राह नहीं मिल रही है. कुल मिलाकर स्थिति पूरी तरह ठप है. अब ऐसी स्थिति सोने के बाजार और उसके भाव-ताव को लेकर बन रही है. देशव्यापी लॉकडाउन के कारण देशभर में सोने में हाजिर कारोबार नहीं हो रहा है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने में तेजी
कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए देशभर में 21 दिन की तालाबंदी लागू है. HDFC सिक्योरिटीज के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव (Gold rate today) ऊंचाई के साथ 1,660 डॉलर प्रति औंस हो गया जबकि चांदी बढ़कर 15.15 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई. एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने में तेजी दिख रही है जो करीब एक प्रतिशत बढ़कर 1,660 डॉलर प्रति औंस हो गया.
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इस साल हल्की रहेगी सोने की मांग
हालांकि एक उद्योग संगठन का कहना है कि इस संकट से इस साल सोने की डिमांड में 30 प्रतिशत की तेज गिरावट देखी जा सकती है. सिर्फ शादी-ब्याह के सीजन में डिमांड में तेजी आएगी. बाकी साल मांग में खास बढ़ोतरी देखने को नहीं मिलेगी. इंडियन चैंबर आफ कॉमर्स (ICC) के मुताबिक देश में लॉकडाउन के कारण शादी-ब्याह के आयोजन रद्द हो रहे हैं.
साथ ही खरीदारी भी बंद है. इससे सोने की मांग को बहुत धक्का लगा है. 2020 में सोने की मांग 700 से 800 टन रहने का अनुमान था.
लेकिन अब यह और घट सकती है. भारत में सोने की सालाना औसत मांग 850 टन के करीब रहती है.
तेजी से गिर सकता है सोने का दाम
ICC के मुताबिक 2020 में मांग 30 प्रतिशत घटकर 690 टन रह जाने का अनुमान है. कोरोना वायरस की महामारी के कारण बुलियन मार्केट बुरी तरह प्रभावित है, इसका सबसे बुरा असर दिहाड़ी मजदूरों पर पड़ा है, जो बंदी के कारण बेरोजगार हो गए हैं. इस उद्योग से करीब 50 लाख लोग जुड़े हैं.
जानकारों का मानना है कि अगर कोरोना का असर जल्दी खत्म नहीं होता तो अगले 3 महीने में सोने का भाव 3000 रुपये तक गिर सकता है. वहीं, कोरोना की वजह से मंदी गहराती है तो कोई बड़ी बात नहीं कि सोना का भाव 30000 रुपये तक गिर जाए.
हालांकि, बाजार में पैसा नहीं होने के कारण लोगों की पहुंच से सोना दूर ही रहेगा. लेकिन, निवेशकों के लिहाज से यह अच्छा मौका बन सकता है.
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