नई दिल्ली: मौजूदा वक्त में कई सारे लोग ऑनलाइन तरीके से ही पेमेंट या ट्रांजैक्शन करते हैं. लेकिन फिर भी कई सारे लोग ऐसे हैं जो पेमेंट करने के लिए चेक का इस्तेमाल करते हैं. खास तौर पर बड़ी रकम की पेमेंट के लिए ज्यादातर चेक पेमेंट का ही इस्तेमाल किया जाता है.
चेक से पेमेंट करते वक्त रहें सावधान
चेक से पेमेंट करते वक्त आपको काफी ज्यादा सावधानी बरतने की भी जरूरत है. अगर आपके चेक में कोई गलती रह गई है तो आपका चेक बाउंस भी हो सकता है जिस वजह से आपको सजा भी भुगतनी पड़ती है. या फिर आपको जुर्माना भी भरना पड़ सकता है और आपको जेल भी हो सकती है. ऐसे में आपको उन वजहों से भी वाकिफ होना जरूरी है जिन वजहों से आपका चेक बाउंस हो सकता है.
इन वजहों से बाउंस हो सकता है चेक
चेक बाउंस होने के कई सारे कारण हो सकते हैं. मसलन अगर आपके अकाउंट में बैलेंस कम है या फिर नहीं है तो उस केस में भी चेक बाउंस हो सकता है. इसके अलावा सिग्नेचर का बदलना, शब्द लिखने में गलती करना, अकाउंट नंबर लिखने में गलती करना, ओवर राइटिंग जैसी दिक्कतों की वजह से भी चेक कैंसल हो सकता है. इनके अलावा चेक की समय सीमा समाप्त होना, चेककर्ता का अकाउंट बंद होना, जाली चेक का संदेह, चेक पर कंपनी की मुहर न होना और ओवरड्राफ्ट की लिमिट को पार करना आदि वजहों से भी चेक बाउंस हो सकता है.
चेक बाउंस होने पर लिया जा सकता है ये एक्शन
चेक बाउंस होने पर बैंक अपने ग्राहक से जुर्माना वसूलते हैं. ये जुर्माना वजहों के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है. जुर्माने की रकम 150 रुपये से लेकर 750 या 800 रुपये तक हो सकती है. बता दें कि चेक बाउंस होना एक अपराध की श्रेणी में माना जाता है. साथ ही चेक बाउंस होने की स्थिति में व्यक्ति पर मुकदमा चलाया जा सकता है. उसे 2 साल तक की जेल या चेक में भरी राशि का दोगुना जुर्माना या दोनों लगाया जा सकता है.
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