Narayana Murthy Success Story: इंफोसिस के संस्थापक एन आर नारायण मूर्ति (N R Narayana Murthy) एक जानेमाने शख्स हैं, लेकिन वह कैसे अपने जीवन में आगे बढ़े, उसकी कहानी भी बड़ी दिलचस्प है. आज बेशक वे करोड़ों अरबों के मालिक हों, लेकिन उसमें संघर्ष और समर्पण शामिल है. उन्होंने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में एक दिलचस्प कहानी सुनाई.
नारायण मूर्ति ने खुलासा किया कि यूरोप में लंबी पैदल यात्रा के दौरान वह लगातार 120 घंटे तक बिना भोजन के रहे थे. उनकी ये बात अपने लक्ष्यों को पूरा करने में कड़ी मेहनत और दृढ़ता के मूल्य पर जोर देती है. उनको एक बड़ी कंपनी भी नौकरी भी मिल रही थी, लेकिन उन्होंने अपने लक्ष्यों के प्रति जुनून को मरने नहीं दिया और अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाया.
नारायण मूर्ति का फैसला
नारायण मूर्ति एक प्रसिद्ध व्यक्ति हैं, उनकी उपलब्धियों और सिद्धांतों के लिए लाखों लोग उनका सम्मान करते हैं. नारायण मूर्ति ने कानपुर के प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (ITI) से मास्टर डिग्री हासिल की, लेकिन उन्हें एक कठिन निर्णय भी लेना पड़ा. रतन टाटा की एयर इंडिया, टेल्को और टिस्को जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों से आकर्षक ऑफर मिलने के बावजूद, उन्होंने भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) अहमदाबाद में मुख्य सिस्टम प्रोग्रामर बनने का विकल्प चुना. ऐसा इसलिए था क्योंकि IIM-A भारत की पहली टाइम-शेयरिंग प्रणाली स्थापित करने की योजना बना रहा था, जिसे नारायण मूर्ति ने अपने जुनून को आगे बढ़ाने के एक अद्वितीय अवसर के रूप में देखा.
नारायण मूर्ति के बारे में
नारायण मूर्ति का विवाह प्रसिद्ध शिक्षक और लेखिका सुधा मूर्ति से हुआ है. उनके दो बच्चे हैं और उनकी बेटी अक्षता मूर्ति का विवाह ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से हुआ है. एक किस्से ऐसा भी है कि नारायण मूर्ति ने एक बार सुधा मूर्ति को छोड़ने के लिए बिना टिकट ट्रेन में 11 घंटे की यात्रा की. बता दें कि इंफोसिस का बाजार पूंजीकरण 600000 करोड़ रुपये है और नारायण मूर्ति की फोर्ब्स की वास्तविक समय की कुल संपत्ति $4.5 बिलियन (37,000 करोड़ रुपये से अधिक) है.
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