2 दिन पहले ही केरल तट से टकराया मॉनसून, 2 जून तक UP में बरसेंगे मेघ

अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा कृषि आधारित है. देश में आधे से ज्यादा खेती सिंचाई के लिए बारिश पर ही निर्भर होती है. चावल, मक्का, गन्ना, कपास और सोयाबीन जैसी फसलों के लिए बारिश बेहद जरूरी होती है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 30, 2020, 06:49 PM IST
    • देश में आधे से ज्यादा खेती सिंचाई के लिए बारिश पर ही निर्भर होती है
    • यूपी में आंधी-बारिश का सिललिला 2 जून तक जारी रहेगा
2 दिन पहले ही केरल तट से टकराया मॉनसून, 2 जून तक UP में बरसेंगे मेघ

नई दिल्लीः मॉनसून आने का अनुमान 1 जून से किया गया था, लेकिन स्काइमेट का दावा है कि यह दो दिन पहले ही 30 मई को आ गया है. वेबसाइट के मुताबिक शनिवार को केरल तट से मॉनसून टकराया है. आईएमडी ने 1 जून को मानसून के पहुंचने की बात कही थी.

मौसम विभाग ने अप्रैल में कहा था कि इस बार मानसून औसत ही रहने वाला है. विभाग के मुताबिक, 96 से 100% बारिश को सामान्य मानसून माना जाता है. पिछले साल यह आठ दिन की देरी से 8 जून को केरल के समुद्र तट से टकराया था. भारत में जून से सितंबर के बीच दक्षिण-पश्चिम मॉनसून से बारिश होती है. 

अर्थव्यवस्था को मिलेगा बूस्ट
अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा कृषि आधारित है. देश में आधे से ज्यादा खेती सिंचाई के लिए बारिश पर ही निर्भर होती है. चावल, मक्का, गन्ना, कपास और सोयाबीन जैसी फसलों के लिए बारिश बेहद जरूरी होती है. कोरोना महामारी के चलते देशभर में लॉकडाउन लागू है. इस वजह से एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में शुमार भारतीय अर्थव्यवस्था इन दिनों मुश्किलों का सामना कर रही है. 

अम्फान के बाद अब गुजरात में हिका चक्रवात का खतरा, अलर्ट जारी

देश के कई हिस्सों में हो रही है बारिश
 मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की थी कि 20 से 40 केएमपीएच की स्पीड से बिजनौर, चंदनपुर, हस्तीनापुर में अगले कुछ घंटों में भारी बारिश होगी. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ पूर्वी उत्तर प्रदेश में तेज बारिश हुई है.

इससे पहले मौसम विभाग की ओर से कहा गया कि, शनिवार ब्रज, लखनऊ एवं रुहेलखंड आदि क्षेत्रों में बारिश होगी. राज्य के लगभग 20 जिलों में बूंदें बरसेंगी. उसके बाद कल यानी, 31 मई को मौसम के रूख में थोड़ी नरमी आएगी. अनुमान जताया गया है कि यूपी में आंधी-बारिश का सिललिला 2 जून तक जारी रहेगा. शुक्रवार को आगरा में सर्वाधिक नुकसान हुआ. 

हिमाचल  में बारिश
राजधानी शिमला में शनिवार को भारी बारिश हुई. सड़कों पर पानी जमा होने सेे ट्रैफिक जाम हो गया. कई जगह पर भूस्खलन भी हुआ है. फसलों को भी नुकसान हुआ है. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने प्रदेश में शनिवार-रविवार भारी बारिश-अंधड़ की चेतावनी जारी की है. कांगड़ा और चंबा जिला के कुछ क्षेत्रों में सतर्क रहने की अपील की गई है. प्रदेश में एक जून से मौसम में बदलाव आने का पूर्वानुमान है.

और बारिश से पारा हुआ धड़ाम
बदले मौसम की वजह से प्रदेश से तपिश विदा हो गयी है. शुक्रवार को दर्ज तापमान को देखें तो पता चलता है कि प्रदेश में सिर्फ 3 ही जिले ऐसे थे, जहां तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के ऊपर था. ये जिले इटावा (43.8), बांदा (41) और झांसी (40.6) थे. बाकी किसी भी शहर में पारा 40 तक नहीं चढ़ सका. मुजफ्फरनगर में तो पारा 30 डिग्री तक आ गिरा है. ये सिलसिला जारी रहेगा.

बारिश की बूंदों ने शांत की तपिश, 31 मई तक ऐसे ही झूमेंगे बदरा

 

ट्रेंडिंग न्यूज़