नई दिल्ली: नासा का मिशन मंगल सफल होने के बाद भारत ने भी मंगल पर अपना दूसरा अंतरिक्ष यान भेजने की तैयारियां तेज कर दी हैं. आने वाले समय में भारतीय अंतरिक्ष अनुंसधान संगठन (ISRO) मंगल ग्रह पर एक 'ऑर्बिटर' भेजने की तैयारी कर रहा है.
नासा के ‘पर्सवियरन्स’ की सफल लैंडिंग
अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा का अंतरिक्ष यान ‘पर्सवियरन्स’ सफलतापूर्वक मंगल ग्रह पर लैंड कर गया. ‘पर्सवियरन्स’ के मंगल की सतह पर उतरने के साथ ही नासा के वैज्ञानिकों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई. नासा ने ‘पर्सवियरन्स’ कों लाल ग्रह की सतह पर मानव जीवन की संभावनाएं खोजने के साथ उतारा है.
‘पर्सवियरन्स’ की मंगल ग्रह पर मानव सभ्यता के लिए एक अहम कड़ी साबित हो सकता है. नासा के कार्यकारी प्रशासक स्टीव जर्कजी ने अपनी टीम की तारीफ करते हुए कहा कि हम सबने सभी चुनौतियों को बेहतरी से सामना किया और साथ मिलकर इस मिशन को संभव बनाया.
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भारत का मिशन मंगलयान-2
भारतीय अंतरिक्ष अनुंसधान संगठन (ISRO) ने अपने बयान में यह बताया है कि वह साल 2022 तक मंगल ग्रह पर अपना दूसरा अंतरिक्ष यान भेजेगा. इस अंतरिक्ष यान के साथ तीन अंतरिक्ष यात्रियों को भी मंगल ग्रह पर भेजा जा सकता है. इसरो ने यह भी बताया कि अभी उनकी प्राथमिकता सूची में चंद्रयान-3 और गगनयान ऊपर हैं.
इसरो के अगले मंगलयान के एक 'ऑर्बिटर' होने की संभावना है. इससे पहले इसरो ‘मार्स ऑर्बिटर मिशन’ (मंगलयान) को लाल ग्रह पर भेज चुका है. जिसने बेहतरीन काम करते हुए अब तक हजारों की संख्या में मंगल ग्रह की तस्वीरें भेजी हैं. मंगलयान की तर्ज पर ही इसरो अब 'मार्स ऑर्बिटर मिशन-2' अर्थात मिशन 'मंगलयान-2' शुरु करने जा रहा है.
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