अब छोड़ो 'विदेशी' Google Map, उसकी जगह आ रहा ये स्वदेशी एप

Twitter की जगह पर Koo, Whatsapp की जगह पर Sandes एप के बाद अब गूगल मैप का भी विकल्प आ गया है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 12, 2021, 10:27 PM IST
  • Google Map की जगह स्वदेशी एप
  • ISRO और MapmyIndia में समझौता
अब छोड़ो 'विदेशी' Google Map, उसकी जगह आ रहा ये स्वदेशी एप

नई दिल्ली: मोदी सरकार के द्वारा शुरू किये गये आत्मनिर्भर भारत अभियान और मेक इन इंडिया (Make in India) के अनुकूल परिणाम दिखने लगे हैं. देश से विदेशी 'कचरे' को बाहर करने के लिये स्वदेशी एप तेजी से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आ रहे हैं.

Twitter की जगह पर Koo, Whatsapp की जगह पर Sandes एप के बाद अब गूगल मैप का भी विकल्प आ गया है.

Google Map की जगह स्वदेशी एप

आपको बता दें कि भारत को जल्द अपना खुद का नेविगेशन ऐप मिलने जा रहा है. साथ ही मैपिंग पोर्टल और वास्तविक लोकेशन डेटा सर्विस उपलब्ध होगी. गूगल मैप्स से मुकाबला करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO), डिजिटल मैपिंग और स्थान-आधारित डीप-टेक कंपनी मैप माई इंडिया ने शुक्रवार को पूरी तरह से स्वदेशी, मैपिंग पोर्टल और भू-स्थानिक सेवाओं की पेशकश के लिए एक नई पहल की घोषणा की.

ISRO और Map my India में समझौता

ISRO के मुताबिक डिपॉर्टमेंट ऑफ स्पेस ने MapmyIndia के साथ साझेदारी की है. इसमें NavIC, Bhuvan जैसी स्वदेशी सर्विस की मदद ली जाएगी. इंडियन रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (IRNSS) को NavIC (Navigation with Indian Constellation) कहा जाता है. यह भारत का स्वदेशी नेविगेशन सिस्टम है, जिसे ISRO ने विकसित किया है. वहीं Bhuvan एक केंद्रीय जियो-पोर्टल है, जिसे इसरो ने विकसित और होस्ट किया है. इसमें भू-स्थानिक डेटा सर्विस और एनालिस्स के लिए टूल हैं. 

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मिलेंगी कई विशेष सुविधाएं

इसमें रियल सैटेलाइट इमेज मिलेंगी, जिसे इसरो की तरफ से उपल्बध कराया जाएगा.

स्वदेशी नेविगेशन ऐप बिल्कुल मुफ्त होगा.

स्वदेशी नेविगेशन ऐप कोई विज्ञापन बिजनेस मॉडल के साथ नहीं आएगा.

स्वदेशी नेविगेशन ऐप कई मायनों में Google Map से खास होगा.

इसमें भारत सरकार के दिशा निर्देश के आधार पर सीमावर्ती इलाकों को दर्शाया जाएगा.

इसमें भारत की एकता, अखंडता का खास ख्याल रखा जाएगा.

मैप माई इंडिया ने कहा कि इसके नक्शे और एपीआई (एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) इसरो के जिओपोर्टल्स को समृद्ध करेंगे और यह भारतीय वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और सरकारी संगठनों को भारत के सैटलाइट इमेजरी, पृथ्वी अवलोकन डेटा और डिजिटल मैप डेटा और उन्नत भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों को सशक्त करेगा.

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