Paris Olympic: ओलंपिक विजेताओं के दिमाग का जीत से क्या है कनेक्शन? क्यों ये आम आदमी से होते हैं अलग

Paris Olympic: हम सब भी अपने-अपने घरों में बैठकर अपने देश के खिलाड़ियों की जीत के लिए उम्मीद जगाए बैठते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर एक उत्कृष्ट खिलाड़ी का दिमाग हमसे अलग कैसे होता है?  

Written by - Shruti Kaul | Last Updated : Jul 29, 2024, 08:49 PM IST
  • कैसा होता है खिलाड़ियों का दिमाग
  • पेरिस में आयोजित हो रहा ओलंपिक
Paris Olympic: ओलंपिक विजेताओं के दिमाग का जीत से क्या है कनेक्शन? क्यों ये आम आदमी से होते हैं अलग

नई दिल्ली: Paris Olympic: फ्रांस के खूबसूरत शहर पेरिस में इस साल ओलंपिक का आयोजन किया जा रहा है. दुनियाभर के कई देशों से एथलीट खेल के इस महाकुंभ में हिस्सा लेने के लिए आते हैं. हम सब भी अपने-अपने घरों में बैठकर अपने देश के खिलाड़ियों की जीत के लिए उम्मीद जगाए बैठते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर एक उत्कृष्ट खिलाड़ी का दिमाग हमसे अलग कैसे होता है? भले ही खेलों में शरीर का ज्यादा इस्तेमाल होता है, लेकिन शरीर के साथ-साथ ब्रेन भी खेल पर काफी असर डालता है. 

भीड़ में अपने काम की आवाज पहचान जाते हैं 
खिलाड़ियों को ओलंपिक्स जैसे खेलों के दौरान फिजिकल के साथ ही मेंटली भी काफी एक्टिव रहना पड़ता है. इस दौरान उन्हें अपने आस-पास सुनाई दे रहे अनाउंसमेंट और तरह-तरह की आवाजों को भी पहचानना होता है. अमेरिका में 'नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी' के वैज्ञानिकों की ओर से साल 2019 में की गई एक स्टडी के मुताबिक इन खिलाड़ियों का ध्वनि के प्रति कंट्रोल अच्छी तरह रहता है. स्टडी के दौरान किए गए विश्लेषण में पाया गया कि खिलाड़ी शोर में या भीड़ में अपने काम की आवाज को अच्छे से पहचान पा रहे थे. ये लोग अपने टारगेट को अच्छे से पहचान पा रहे थे और डिस्ट्रैक्ट भी कम हो रहे थे. 

भीड़ या दबाव में भी नहीं भटकती नजर
'ह्यूमन काइनेटिक्स' में पब्लिश साल 2018 की एक स्टडी के मुताबिक एक कुशल टेनिस खिलाड़ी अपने फोकस के समय को बढ़ा सकते हैं. इसे 'इंटेंस आई' कहा जाता है. 'फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का मानना है कि सिर्फ टेनिस प्लेयर्स ही नहीं बल्कि कई खिलाड़ियों में भी 'इंटेंस आई' ज्यादा होता है. इससे भीड़ या दबाव में भी उनकी नजर भटकती नहीं है, जो उन्हें जीत दर्द करने में काफी मदद करती है. 

दिमाग के कहने पर तेजी से रिएक्ट करती है बॉडी
साल 2015 की एक स्टडी के मुताबिक हमारा दिमाग एक गोल को अचीव करने के लिए अलग-अलग मूवमेंट्स को कंट्रोल करता है. प्रशिक्षित किए हुए खिलाड़ियों में किसी एक्टिविटी को कंट्रोल करने वाले या दिमाग के कई क्षेत्रों को जोड़ने वाले रास्ते कुछ तरह के खिलाड़ियों में ज्यादा होते हैं, जो उन्हें किसी भी चीज को लेकर रिएक्ट करने में मदद करते हैं. 

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