नई दिल्ली: केंद्र सरकार सभी वाहनों के लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र जारी करती है. यह PUC प्रमाण-पत्र यह बताता है कि वाहन का पॉल्यूशन लेवल नियंत्रण में है अथवा नहीं. नए मोटर व्हीकल पॉलिसी के तहत, अब सभी वाहनों के लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र अनिवार्य कर दिया गया है. वाहन चलाते समय अगर आपके पास यह प्रमाण-पत्र उपलब्ध नहीं रहेगा, तो आप पर जुर्माना लगाया जा स्काट है.
सभी राज्यों में वैध होगा प्रमाण-पत्र
प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र केंद्र सरकार द्वारा जारी किया जाता है. इस प्रमाण-पत्र के माध्यम से यह पता लगाया जाता है कि आपकी गाड़ी तय मानक से अधिक प्रदूषण छोड़ रही है अथवा नहीं. वहां चालक देश के किसी भी राज्य में प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र बनवा सकता है. अगर वाहन चालक किसी अन्य राज्य में भी यात्रा पर जाता है, तो दूसरे राज्य में बनवाया गया प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र वहां भी वैध रहेगा.
उदाहरण के तौर पर, अगर आप हरियाणा के निवासी हैं और आपने वहीं पर अपने वाहन का प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र बनवाया है, तो यह प्रमाण-पत्र देश के अन्य राज्यों में भी मान्य होगा. दूसरे राज्य में वाहन ले जाने पर आपको दोबारा प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र बनवाने की आवश्यकता नहीं होगी.
तीन महीने तक वैध रहता है प्रमाण-पत्र
किसी भी वाहन का प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र तीन महीने तक वैध रहता है. नए वाहनों के लिए यह समय-सीमा अलग रहती है. कई राज्य नए वाहनों के लिए एक साल का प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र भी जारी करते हैं, जबकि कई राज्य छह महीने की वैधता के साथ प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र जारी करते हैं.
PUC प्रमाण-पत्र साथ रखना अनिवार्य
नई मोटर व्हीकल पॉलिसी के अनुसार, वाहन चलाते समय आपके पास प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र अवश्य होना चाहिए. अगर आप चेकिंग के दौरान प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने में असफल रहते हैं, तो आप पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.