नई दिल्ली: महंगाई से जूझ रहे आम आदमी की समस्याएं फिलहाल खत्म होती नहीं दिख रही हैं. एक तरफ जहां खाद्य सामानों की कीमतें बढ़ी हुई हैं तो वहीं इसी बीच महंगाई को लेकर एक और बुरी खबर आई है. दरअसल आने वाले समय में चावल के साथ दूसरे खाने-पीने के सामानों की कीमतों में और इजाफा देखने को मिल सकता है.
इस वजह से महंगा हो सकता है चावल
जून-सितंबर में अनियमित बारिश होने और दक्षिण-पश्चिम मानसून के अब तक विदा नहीं लेने की वजह से धान की फसल को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. भारत का चावल उत्पादन फसल वर्ष 2021-22 में 13.029 करोड़ टन रहा था जो उसके एक साल पहले 12.437 करोड़ टन था. खाद्य मंत्रालय ने अनुमान जताया है कि इस वर्ष के खरीफ सत्र में चावल उत्पादन 60-70 लाख टन कम रहेगा. बता दें कि खरीफ सीजन के दौरान करीब 85 फीसदी चावल उगाया जाता है.
स्थिति को संभालने की हालत में सरकार
हालांकि कुछ जानकारों के मुताबिक, चावल उत्पादन में कमी कोई चिंता की बात नहीं है क्योंकि भारत के पास पहले से मौजूद भंडार सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है. इसके अलावा, टूटे हुए चावल के निर्यात पर पाबंदी लगाने और गैर-बासमती के निर्यात पर 20 फीसदी का शुल्क लगाने के सरकार के फैसले से स्थिति को संभालने में मदद मिलेगी.
बढ़ सकती है महंगाई
धान की बुवाई कम रहने की वजह से आने वाले समय में महंगाई और ज्यादा बढ़ सकती है. अनाज समेत तमाम खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़े हुए हैं जिससे तीन महीने से गिरावट का रुख दिखा रही खुदरा महंगाई दोबारा से बढ़ने लगी थी और यह अगस्त में सात फीसदी पर पहुंच गई थी. इसके साथ ही थोक महंगाई पर भी अनाज समेत अन्य खाद्य वस्तुओं की कीमतों का दबाव रहा था.
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