नई दिल्ली: एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक का दावा है कि ह्यूमन ब्रेन में चिप इंप्लांट करने से व्यक्ति सिर्फ सोचने भर से अपना कंप्यूटर या मोबाइल फोन चला सकता है. इसको लेकर कंपनी ने एक सफल परीक्षण भी किया जिसमें एक व्यक्ति के मस्तिष्क में चिप लगाई गई और उसने बिना छुए सिर्फ अपनी सोचभर से ही कंप्यूटर माउस को चलाने में सफलता हासिल की.
इंसानों के लिए खतरनाक है BCI
एलन मस्क की यह तकनीक एक ओर जहां लोगों की उत्सुकता बढ़ा रही है तो वहीं कई वैज्ञानिकों ने इस तरह के ब्रेन चिप इंप्लांट्स पर अपनी चिंता भी जाहिर की है. 'द कन्वर्सेशन' में पब्लिश एक लेख के मुताबिक बायोएथिसिस्ट नैन्सी जेकर और न्यूरोसर्जन एंड्रयू को का कहना है कि इंसानी दिमाग में ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस (BCI) चिप लगाने से चोरी, पासवर्ड हैकिंग और ब्लैकमेल का खतरा बढ़ सकता है. इसके अलावा कोई तीसरा व्यक्ति भी आपके दिमाग के साथ हेर-फेर कर सकता है.
वैज्ञानिकों ने जताई चिंता
कंप्यूटर सिक्योरिटी अथॉरिटी एक्सपर्ट रॉजर ग्रिम्स का कहना है कि कुछ भी हैक हो सकता है. ब्रेन चिप इससे अलग नहीं है. अगर इन चिप्स की मात्रा ज्यादा से ज्यादा बढ़ती है तो ये समस्या और भी बढ़ सकती है, हालांकि जब तक इनकी मात्रा नहीं बढ़ती है तब तक चिंता करने की कोई बात नहीं है.
रोगियों की मदद कर सकता है चिप
एलन मस्क का कहना है कि उनकी यह चिप उन लोगों के लिए बेहद उपोयगी साबित हो सकती है, जिन्हें मस्तिष्क रोग या न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है. उनका यह भी मानना है कि यह चिप भविष्य में आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस को भी टक्कर दे सकती है, हालांकि इसके बाद भी वैज्ञानिकों को चिंता है कि न्यूरोलिंक की यह चिप वाकई में लोगों की भलाई के लिए है या नहीं.
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