नई दिल्ली: LGBTQIA समुदाय को अक्सर एक ही समूह के रूप में माना जाता है, लेकिन यह वास्तव में बहुत से समूहों का जोड़ है. LGBTQIA लोगों के बीच कई अलग-अलग अनुभव और विचार हैं. कुछ LGBTQIA लोग खुले तौर पर अपने सेक्सुल बिहेवियर या लिंग पहचान के बारे में बात करते हैं, जबकि अधिकतर लोग ऐसा नहीं कर पाते हैं.
LGBTQIA समुदाय का अर्थ
1. लेस्बियन (Lesbian )
एक महिला का दूसरी महिला के प्रति आकर्षण इसमें शामिल होता है.
2. समलैंगिक (gay)
ऐसा पुरुष जो दूसरे पुरुषों के प्रति आकर्षित होता है. पुरुषों के इस तरह के आकर्षण पर समाज आज भी सवाल कर ही देता है. मनोज बाजपेयी और राजकुमार राव द्वारा अभिनीत मूवी अलीगंज में इसका संक्षिप्त मार्मिक विवरण किया गया है.
3. उभयलिंगी (bisexual)
ऐसा व्यक्ति जो पुरुषों और महिलाओं दोनों के प्रति आकर्षित होता है.
4. ट्रांसजेंडर (transgender)
ऐसा व्यक्ति जिसकी लिंग पहचान जन्म के समय किसी भी लिंग से मेल नहीं खाती. हाल ही में सुष्मिता सेन की ताली जो एक रियल स्टोरी पर बेस्ड मूवी है. इसमें ट्रांसजेंडर लोगों के लिए समाज के कुछ लोगों के बुरे बर्ताव से आने वाली परेशानियों को बहुत ही अच्छे ढ़ग से पेश किया गया है.
5. क्वीर (queer)
क्वीर शब्द जिसका उपयोग उन लोगों के लिए किया जाता है जो खुद को विषमलैंगिक या सिजेंडर के रूप में नहीं पहचानते हैं. यह लोग अपनी भावनाओं को सही से अवगत नहीं होते हैं.
6. इंटरसेक्स (intersex)
इंटरसेक्स की कैटेगरी में वो लोग आते हैं जो शारीरिक यौनांग से न पुरुष है और न ही महिला. ऐसे लोगों का सेक्सुल स्टेटस डॉक्टर द्वारा ही तय किया जाता है.
7. एसेक्सुअल (asexual)
वह पुरुष और महिला जिन्हें किसी के साथ भी सेक्स में रूचि नहीं होती है, उन्हे एसेक्सुल कैटेगरी में शामिल किया जाता है.
LGBTQIA समुदाय की चुनौतियां
LGBTQIA समुदाय कई चुनौतियों का सामना करता है. इसमें भेदभाव, हिंसा मुख्य रूप से शामिल है. LGBTQIA लोगों को अक्सर नौकरी खोने, घर से निकाले जाने, या यहां तक कि हिंसा के शिकार होने का खतरा होता है. समाज के डर से वह अपनी पहचान छुपाकर जिंदगी जी रहे हैं. LGBTQIA समुदाय के सदस्यों को हमेशा ही सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ता है और उन्हें परिवार और दोस्तों से भी अपमान सहना पड़ता है.
LGBTQIA समुदाय की उपलब्धियां
LGBTQIA समुदाय ने अपने लगातार संघर्ष से बहुत सी उपलब्धियां हासिल की हैं, जिसमें समलैंगिक विवाह को वैध बनाने और LGBTQIA लोगों के खिलाफ भेदभाव को अवैध बनाने के लिए कानून पारित करना शामिल है. बहुत लंबे संघर्ष के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 6 september 2018 को LGBTQIA समुदाय के लिए ऐसे बहुत से अहम फैसले लिए जिससे LGBTQIA समुदाय के लोगों को समाज में एक नई पहचान मिली.
यदि आप LGBTQIA समुदाय के सदस्य हैं और आप अपनी पहचान के कारण समाज में रहने के लिए किसी तरह परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो आप मदद के लिए संपर्क कर सकते हैं.
National Suicide Prevention Lifeline - 9152987821 –भारत सरकार की ओर से तैयार की गई एक हेल्पलाइन है.
Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.
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