लखनऊ: योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश में तलाक से पीड़ित सभी महिलाओं को 6 हजार रुपये वार्शिक पेंशन देने का फैसला किया है. इसमें तीन तलाक पीड़ित मुस्लिम महिलाओं के साथ साथ हिंदू महिलाएं भी शामिल हैं. जानकारी के मुताबिक 500 रुपए मासिक के तौर पर यह रकम तीन तलाक से पीड़ित और पतियों द्वारा छोड़ दी गयीं औरतों को दी जाएगी. सरकार ने इस योजना का पूरा प्रस्ताव तैयार कर लिया है और इसे अगले कैबिनेट में लाने की पूरी तैयारी है.
सीएम योगी ने सितंबर में की थी घोषणा
तीन तलाक बिल संसद में पास होने के बाद केंद्र सरकार ने राज्यों के लिए अधिसूचना जारी की थी. इस पर योगी आदित्यनाथ सरकार ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी थी. उस वक्त सीएम योगी ने तलाक पीड़िताओं से मुलाकात की थी और उन्हें पेंशन देने का वादा किया था लेकिन उस वक्त पेंशन की राशि तय नहीं हुई थी. अब वित्त मंत्रालय ने 6000 रुपए सालाना राशि तय की है. नए साल से ये योजना शुरू हो जाएगी.
पिछले साल उत्तर प्रदेश में तीन तलाक के 273 मामले सामने आए
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया कि पिछले साल उत्तर प्रदेश में तीन तलाक के 273 मामले सामने आए थे और सरकार ने उन सभी पर एफआईआर दर्ज की थी क्योंकि "मुस्लिम महिलाएं राज्य के लगभग हर जिले में सबसे ज्यादा पीड़ित रही हैं". ऐसी बहुत ही महिलाएं हैं जिन्हें तीन तलाक और हलाला निकाह का सामना करना पड़ा.
कानूनी रूप से अपराध है तीन तलाक
केंद्र सरकार ने तीन तलाक देने की प्रथा को कानूनी रूप से अपराधों की श्रेणी में रखा है. देश में तीन तलाक कानून 19 सितबंर, 2018 से लागू हो गया था. बता दें कि मौखिक, लिखित या किसी अन्य माध्यम से पति अगर एक बार में अपनी पत्नी को तीन तलाक देता है तो वह अपराध की श्रेणी में आएगा. महिला अधिकार संरक्षण कानून 2019 बिल के मुताबिक एक समय में तीन तलाक देना अपराध है. इसलिए पुलिस बिना वारंट के तीन तलाक देने वाले आरोपी पति को गिरफ्तार कर सकती है.
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