IAS की परीक्षा पास करने का झूठ फैलाया, फिर ले लिया सीएम से सम्मान

आईएएस की परीक्षा पास करने की झूठी खबर फैलाकर युवक ने सीएम के हाथों सम्मान ले लिया. ये मामला झारखंड से सामने आया है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 29, 2022, 01:53 PM IST
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IAS की परीक्षा पास करने का झूठ फैलाया, फिर ले लिया सीएम से सम्मान

नई दिल्ली: झारखंड के पलामू निवासी एक युवक ने यूपीएससी (UNION PUBLIC SERVICE COMMISSION) की सिविल सर्विस परीक्षा में सफल होने की फर्जी खबर पूरे राज्य में फैला दी. कामयाबी की इस झूठी जानकारी के आधार पर वह एक दर्जन से ज्यादा जगहों पर सम्मानित हुआ.

सीएम हेमंत सोरेन ने किया सम्मानित

बीते बुधवार को उसने झारखंड सरकार की ओर से आयोजित यूपीएससी के सफल अभ्यर्थियों के अभिनंदन समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हाथों सम्मान हासिल किया और उनके साथ रात्रि भोज में भी शामिल हुआ.

अब खुलासा हुआ है कि कुमार सौरभ उर्फ सौरभ पांडेय नामक इस युवक ने यूपी के एक सफल अभ्यर्थी के हमनाम होने के चलते फायदा उठाते हुए पिछले दो महीने से सोसायटी से लेकर सरकार तक भ्रमजाल फैला रखा था.

हमनाम होने का उठाया फायदा

यूपीएससी 2021 की परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों की सूची में 357वां रैंक यूपी के कुमार सौरभ ने हासिल किया है. उन्हें कहीं से जानकारी मिली कि उनके नाम पर एक युवक झारखंड में राजकीय समारोह में सम्मानित हुआ है. तब इस मामले का सच सामने आया.

दरअसल, पलामू के पांडू प्रखंड का रहनेवाले सौरभ पांडेय भी यूपीएससी की तैयारी कर रहा था, लेकिन वह सफल नहीं हो पाया. बीते 30 मई को रिजल्ट आया तो उसने खुद के सफल होने की खबर फैला दी. उसने यूपीएससी मुख्यालय के पास सूट टाई वाली अपनी फोटो भी कई जगहों पर शेयर कर दी थी.

रैंक को लेकर देता रहा लोगों को हवाला

दरअसल, सौरभ पांडेय पिछले कुछ दिनों से समाज में कई लोगों से यह कहता फिर रहा था कि उसका रैंक ठीक नहीं आया. इस कारण इस बार नौकरी ज्वाइन नहीं करेगा. वह फिर से तैयारी में जुटा है और पूरा प्रयास कर रहा है कि अगली बार अच्छा रैंक ले आये.

जब मीडिया कर्मियों ने सौरभ से उसके यूपीएससी पास करने और उसके एडमिट कार्ड के बारे में जानकारी मांगी तो उसने स्वीकार कर लिया कि परीक्षा में असफल हो जाने पर उसने सामाजिक प्रतिष्ठा के लिए अपने पास हो जाने की झूठी खबर फैलायी थी. झारखंड सरकार ने भी मीडिया में छपी रिपोर्ट के आधार पर उसे सम्मानित कर दिया था.

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