27 साल पहले हुआ पुनर्जन्म, पत्नी से दोबारा रचाएगा शादी

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के आजमगढ़ से अजीबो-गरीब खबर आई है. जहां, मरा हुआ आदमी दोबारा जिंदा हो गया. अब वो अपनी पत्नी को दोबारा दुल्हन बनाएगा.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 1, 2021, 05:56 PM IST
  • यूपी में मृत आदमी हुआ जिंदा
  • पत्नी से दोबारा करेगा शादी
27 साल पहले हुआ पुनर्जन्म, पत्नी से दोबारा रचाएगा शादी

नई दिल्ली: यूपी के आजमगढ़ से दिल को छू लेने वाला किस्सा सामने आया है. जहां एक व्यक्ति की मौत हो जाती है और वो फिर जिंदा हो जाता है. यहां गौर करने वाली बात ये है कि इस शख्स की मौत सिर्फ सरकारी रिकॉर्ड में हुई थी.

कागज में लाल बिहारी को 'मार डाला'

अभिनेता पंकज त्रिपाठी की एक फिल्म है, 'कागज' इस फिल्म में सरकारी कागजों में भरतलाल नाम के शख्स को मरा हुआ घोषित कर दिया जाता है. ऐसा ही मामला आजमगढ़ से सामने आया है, जहां सरकारी रिकॉर्ड में 'मृत' घोषित होने के बाद लाल बिहारी 'मृतक' एक बार फिर सुर्खियों में हैं. उन्होंने खुद को जिंदा साबित करने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी थी.

'मृतक' लाल बिहारी अब अपनी 56 वर्षीय पत्नी कर्मी देवी से दोबारा शादी करने की योजना बना रहे हैं, क्योंकि उसे दोबारा जिंदा हुए 27 साल हो चुके हैं, 30 जून 1994 को उन्हें जीवित घोषित कर दिया गया था.

सरकारी रिकॉर्ड में हुआ पुनर्जन्म

लाल बिहारी ने संवाददाताओं से कहा, '27 साल पहले सरकारी रिकॉर्ड में मेरा पुनर्जन्म हुआ था. शादी समारोह 2022 में होगा, जब मैं सरकारी रिकॉर्ड में अपने पुनर्जन्म के बाद 28 साल का हो जाऊंगा.' रिकॉर्ड में मृतक के तीन बच्चे हैं-दो बेटियां और एक बेटा, सभी की अब शादी हो चुकी है.

अब 66 वर्षीय लाल बिहारी ने कहा कि वह अपनी पत्नी से पुनर्विवाह करना चाहते हैं और लोगों का ध्यान 'जीवित मृतकों' की दुर्दशा की ओर आकर्षित करना चाहते हैं.

रिकॉर्ड में 18 साल तक रहा मृत

लाल बिहारी ने कहा, 'हालांकि मैंने अपना केस लड़ा और जीता, लेकिन वास्तव में व्यवस्था में बहुत कुछ नहीं बदला है. मैं 18 साल तक सरकारी रिकॉर्ड में 'मृत' रहा. अभी भी ऐसे लोग हैं, जिन्हें मृत घोषित कर दिया गया है और उनकी जमीन को रिश्तेदारों द्वारा सरकारी अधिकारी की मिलीभगत से हड़प लिया गया है. मैं पिछले दशकों में ऐसे पीड़ितों की मदद कर रहा हूं, लेकिन अभियान जारी रहना चाहिए.'

लाल बिहारी आजमगढ़ जिले के अमिलो गांव के रहने वाले हैं और उन्हें आधिकारिक तौर पर 1975 में मृत घोषित कर दिया गया था. अपनी पहचान वापस पाने के लिए अपनी कानूनी लड़ाई के दौरान, उन्होंने अपने नाम में 'मृतक' (मृतक) जोड़ा.

इसे भी पढ़ें- गलवान में सैनिक रहे नाकाम तो साइबर अटैक की तैयारी में जुटा चीन

उन्होंने अपने जैसे मामलों को उजागर करने के लिए एक मृतक संघ भी बनाया. फिल्म निर्माता सतीश कौशिक ने उनके जीवन पर एक फिल्म 'कागज' बनाई है और अभिनेता पंकज त्रिपाठी ने मृतक की भूमिका निभाई है.

इसे भी पढ़ें- इंडोनेशिया में कहर बना Delta variant, अस्पतालों में बेड कम पड़े, ऑक्सीजन को तरस रहे लोग

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़