नई दिल्ली. रूस से S-400 की डील करके भारत की सामरिक शक्ति बहुत मजबूत हुई है और इस पर किसी देश की नाराज़गी भारत की नहीं बल्कि उसकी अपनी समस्या है. रूस से भारत की व्यापारिक घनिष्ठता पर अप्रसन्न हो कर अमरीका भारत पर तुर्की जैसे प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है.
एस-400 मिसाइल इंटरसेप्टर सिस्टम की खरीद
भारत ने रूस से एस-400 मिसाइल इंटरसेप्टर सिस्टम की खरीद की है और यह भारत का अपनी सामरिक शक्ति को बढ़ावा देने के लिए लिया गया निजी निर्णय है. अमेरिका की नाराज़गी भारत द्वारा हथियार खरीदने को लेकर नहीं है बल्कि रूस के साथ जुड़ने को लेकर है. यह जानना महत्वपूर्ण है कि रूस से आ रहा ये S-400; मिसाइल सिस्टम दुनिया की सबसे उन्नत वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली है. यह डिफेंस सिस्टम एक साथ 36 मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है.
तुर्की ने भी यही खरीद की थी
भारत का रूस के साथ किया गया S-400 मिसाइल इन्टरसेप्टर सिस्टम का सौदा वही सौदा है जो रूस से तुर्की ने किया था. इस खरीद पर ही अमेरिका ने तुर्की पर नाराजगी जाहिर की थी और उसे भारी प्रतिबन्ध लगा कर दंडित किया था. कमाल की बात ये है कि तुर्की एक लंबे समय तक अमेरिका का बहुत वफादार सहयोगी रहा है. अब जब भारत ने भी रूस से इसी सौदे को अंतिम रूप दे दिया है, तो अमेरिका भारत से भी खफा हो गया है.
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अगली गर्मियों तक मिलेगा S-400
इसी हफ्ते में ये अहम घटना देखने में आई है. इस हफ्ते की शुरुआत में अपने पुराने सहयोगी तुर्की पर अमेरिका ने प्रतिबंधों का ऐलान किया है तो दूसरी तरफ अब उसका गुस्सा भारत पर भी फूट सकता है. एस-400 की इस डील को अंतिम रूप देने के बाद अब अगले साल की गर्मियों तक भारत क एस-400 मिल जाने की उम्मीद है.
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