चीन को उसके 'पाप' की सजा देने के लिए भारत के सहारे अमेरिका

चीन के झूठ, फरेब और निकृष्ट कृत्यों की सजा निर्दोष दुनिया को मिल रही है. हमेशा की तरह एक बार फिर दुनिया भारत की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रही है.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 5, 2020, 11:03 AM IST
    • दुनिया भारत की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रही है
    • अमेरिका चाहता है कि चीन के खिलाफ भारत खुलकर अमेरिका का साथ दे
चीन को उसके 'पाप' की सजा देने के लिए भारत के सहारे अमेरिका

नई दिल्ली: चीन के 'कुकृत्यों' पर पूरी दुनिया में आक्रोश है. उसने अपने अमानवीय और संवेदनहीन कर्मों के कारण कोरोना जैसी महामारी की आग में संसार के कई देशों को झोंक दिया है. सभी देश मानते हैं कि चीन की वुहान लैब से ही कोरोना वायरस फैला और वुहान की लैब ही इस वायरस की जन्मस्थली है. अमेरिका इस संक्रमण से सबसे अधिक तबाही झेल रहा है.

दुनिया में कुल ढाई लाख लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. अमेरिका में 68 हजार से भी अधिक लोगों की जान जा चुकी है. अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया समेत कई देश भारत की ओर आस भरी निगाहों से देख रहे हैं. अमेरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन पर अपने गुस्से का इजहार कई बार कर चुके हैं. उन्होंने चीन की साजिश का पर्दाफाश करने के लिए जांच के आदेश दिये हैं.

भारत से अमेरिका को आस

अमेरिका चाहता है कि चीन के खिलाफ भारत खुलकर अमेरिका का साथ दे. डोनाल्ड ट्रंप कई बार कह चुके हैं कि चीन ने ही कोरोना वायरस फैलाया है और इसकी सजा उसे जरूर मिलनी चाहिये. ट्रंप कोरोना को चीनी वायरस कहकर संबोधित भी करते हैं. इस पर चीन को बहुत बौखलाहट होती है. भारत की वैश्विक ताकत का अंदाजा और प्रतिष्ठा देखते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को अपना साथी बनाने का मन बना लिया है.

भारत को मिलेगा WHO का नेतृत्व

आपको बता दें कि जल्द ही भारत को विश्व स्वास्थ्य संगठन की कार्यकारी समिति की अध्यक्षता मिलेगी. ऐसे में अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया को भारत से बहुत उम्मीदें हैं. अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया भारत की सहायता से चीन को उसके पापों की सजा देना चाहते हैं. सर्वविदित है कि चीन में दिसंबर से ही कोरोना वायरस से मौतें हो रही थी लेकिन इसने दुनिया भर में अपने संक्रमितों को भेजा. इसका परिणाम ये हुआ कि आज 200 से भी अधिक देश कोरोना वायरस से जूझ रहे हैं.

ये भी पढ़ें- बर्बरता से गैंगरेप की साजिश करते पकड़े गए नाबालिक, जानिये पूरी कहानी

चीन के खिलाफ जांच हो तेज

अमेरिका समेत हाल फिलहाल तक चीन से करीबी रिश्ते रखने वाले ऑस्ट्रेलिया ने भारत से मांग की है कि भारत चीन के खिलाफ मजबूती से स्टैंड लेने और WHO से चीन के खिलाफ जांच कि मांग में अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया का साथ दे. गौरतलब है कि महीने के अंत तक भारत को WHO की कार्यकारी बोर्ड का नेतृत्व मिलने वाला है. जानकारों का भी मानना है की सच्चाई सामने लाने के लिए भारत को इस मामले मे पोजीशन लेना चाहिए. ऐसे में WHO का परोक्ष सहयोग भी भविष्य में चीन को नहीं मिल पायेगा.

ट्रेंडिंग न्यूज़