Armenia Vs Azerbaijan: दिन के उजाले में युद्ध विराम, रात के अंधेरे में भीषण संग्राम!

अजरबैजान-आर्मेनिया के बीच युद्ध को रोकने के लिए पुतिन ने भी कोशिश की, लेकिन उनकी कोशिश कुछ घंटों में ही चकनाचूर हो गया..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 12, 2020, 07:07 AM IST
  • अजरबैजान-आर्मेनिया के बीच युद्ध जारी
  • 24 घंटे में टूट गया युद्ध विराम का समझौता
  • आर्मेनिया ने रात के 2 बजे किया मिसाइल अटैक
  • पुतिन की नहीं सुनी, जंगी राह चुनी !
Armenia Vs Azerbaijan: दिन के उजाले में युद्ध विराम, रात के अंधेरे में भीषण संग्राम!

नई दिल्ली: पिछले चंद रोज़ से आप लगातार दो मुल्कों के नाम सुन रहे होंगे, ये देश हैं, आर्मेनिया और अज़रबैजान. हिन्दुस्तान से आर्मेनिया और अजरबैजान की दूरी हज़ारों किलोमीटर है. लेकिन फिर भी यहां जो कुछ भी चल रहा है, उस बारे में अमन की चाह रखने वाले हर इंसान को जानना चाहिए और हालात अब जिस राह की ओर जाते नज़र आ रहे हैं, उसके बाद तो ये कहना भी गलत नहीं होगा कि दुनिया के नक्शे पर मौजूद दो छोटे देश, विश्व को दो हिस्सों में बांट देंगे.

पुतिन का शांति फॉर्मूला भी हुआ धुआं-धुआं

नागोरनो-काराबाख की ज़मीन को लेकर लगी ये चिंगारी वर्ल्ड वॉर की आग में भी तब्दील हो जाएगी. क्योंकि, रुसी राष्ट्रपति पुतिन का शांति फॉर्मूला भी बीती रात आर्मेनिया के रॉकेट हमले में धुआं-धुआं हो गया.

सुपर पावर रुस के राष्ट्रपति पुतिन के दख़ल से बेशक़ दिन के उजाले में आर्मेनिया और अजरबैजान युद्ध विराम को तैयार हो गए. लेकिन चौबीस घंटों के अंदर रात के अंधेरे में इसी युद्ध विराम की बारुदी हमले से धज्जियां उड़ा दी गईं. अमन की उम्मीद कट्टर दुश्मनी की आग में झुलस कर छिन्न भिन्न हो गई. अजरबैजान की ओर से दावा किया गया कि आर्मेनिया ने युद्ध विराम की आड़ में पीठ पीछे हमले की तैयारी की. मौक़ा देखकर रात के वक़्त उसके सबसे बड़े शहर गांजा पर मिसाइल से हमला बोल दिया. 

आर्मेनिया के हमले पर अजरबैजान के विदेश मंत्री

अज़रबैजान के विदेश मंत्री के जेहुन बायरामोव ने कहा कि "आर्मेनियाई फोर्स ने हमारे गांजा शहर की रिहायशी आबादी पर रात 2 बजे के क़रीब मिसाइल से हमला किया. इस हमले में हमारे 7 नागरिक मारे गए. जबकि 33 घायल हो गए जिनमें बच्चे भी शामिल हैं."

अजरबैजान का 'गांजा' एक हफ़्ते में 2 बार धुआं-धुआं!

ऐसा ही एक हमला आर्मेनिया ने 5 अक्टूबर को अजरबैजान के गांजा पर किया था. लेकिन संघर्ष विराम के दौरान आर्मेनिया के इस हमले ने अमन की उम्मीदों को धुआं धुआं कर दिया है.

पहले किसने किया युद्ध विराम का उल्लंघन?

युद्ध विराम की धज्जियां उड़ने का दूसरा पहलू ये है कि दोनों ही देश एक दूसरे पर पहले हमला करने का इल्ज़ाम लगा रहे हैं. जहां अजरबैजान ने आर्मेनिया पर रात के अंधेरे में गांजा शहर को निशाना बनाने की तोहमत जड़ी. दूसरी ओर आर्मेनिया के रक्षा मंत्रालय की ओ से दावा किया गया कि संघर्ष विराम लागू होने के बाद काराखामबेयली के इलाके में अजरबैज़ान के सैनिकों ने हमला किया है.

युद्ध विराम उल्लंघन पर आर्मेनिया

आर्मेनियाई सांसद मारिया ने कहा कि "आर्मेनिया और अजरबैजान की लीडरशिप के बीच युद्ध विराम का समझौता हुआ. इसलिए जो कुछ भी हुआ वो सिर्फ़ प्रतिक्रिया है."

आर्मेनिया VS अजरबैजान, विश्वयुद्ध का मैदान!

अब आर्मेनिया और अजरबैजान की जंग और ज़्यादा भड़कती गई तो नागोरनो-काराबाख की ज़मीन के लिए लड़ रहे दोनों देशों की लड़ाई विश्वयुद्ध में भी बदलते देर नहीं लगेगी. क्योंकि तुर्की और पाकिस्तान जैसे देश हर तरह से अजरबैजानियों की ओर से हमले की फिराक़ में जुटे हैं. ऐसे में पुतिन के पास सीधे जंगी मैदान में मोर्चा संभालने के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं बचेगा. उन्हें चाहे-अनचाहे, इस युद्ध में कूदना ही पड़ेगा जिसका अंजाम यक़ीनन बहुत भयानक होगा.

आर्मेनिया VS अजरबैजान, दोनों को बड़ा नुकसान!

  • आर्मेनिया के 8700 जवान मारे गए
  • अजरबैजान के 7 हज़ार सैनिक मारे गए
  • आर्मेनिया के 5900 आम लोग मारे गए
  • अजरबैजान के 3900 आम लोग भी मारे गए

आर्मेनिया और अज़रबैजान बेशक एक दूसरे पर पहले हमला करने का इल्ज़ाम लगाए. लेकिन मुद्दे की बात तो ये है कि दुनिया की बेहतरी इसी में है कि ये जंग जल्द से जल्द थम जाए. क्योंकि इस भीषण संग्राम में दोनों ही देश काफ़ी कुछ गंवा चुके हैं.

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