अफगानिस्तान में हमला, देश के भविष्य को जन्मते ही नष्ट करना चाहते हैं कट्टरपंथी आतंकी

नई दिल्लीः दुनिया भर में कोरोना संकट के बीच अफगानिस्तान के अपने अलग संकट हैं. जानकारी के मुताबिक गुरुवार को अफगानिस्तान के आर्मी बेस पर आतंकी हमला हुआ है. जानकारी के मुताबिक, इस हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली है. अफगानिस्तान के आंतरिक मंत्रालय ने इस बारे में जानकारी जारी की है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 14, 2020, 10:16 PM IST
    • गुरुवार को पूर्वी अफगान शहर गार्डेज़ में हमला, पांच लोगों की मौत हो गई
    • इसके पहले मंगलवार को राजधानी काबुल के पश्चिमी इलाके में एक जच्चा-बच्चा अस्पताल में आतंकी हमला किया गया था
अफगानिस्तान में हमला, देश के भविष्य को जन्मते ही नष्ट करना चाहते हैं कट्टरपंथी आतंकी

नई दिल्लीः दुनिया भर में कोरोना संकट के बीच अफगानिस्तान के अपने अलग संकट हैं. जानकारी के मुताबिक गुरुवार को अफगानिस्तान के आर्मी बेस पर आतंकी हमला हुआ है. जानकारी के मुताबिक, इस हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली है. अफगानिस्तान के आंतरिक मंत्रालय ने इस बारे में जानकारी जारी की है. जिसमें बताया गया है कि तालिबान ने कहा कि उसने अफगान सेना के ठिकाने पर जानलेवा हमला किया. इससे दो दिन पहले हुए हमलों में अफगानिस्तान में 56 लोग मारे गए हैं. 

लगातार हो रहे हैं हमले
इन पहले हुए हमलों की जिम्मेदारी किसी संगठन ने नहीं ली थी, लेकिन यह हमला एक प्रसव अस्पताल पर हुआ था. जिसमें तत्काल 16 लोग मारे गए थे. एक महिला ने कुछ समय पहले ही बच्चे को जन्म दिया था, धमाके में उसकी भी मौत हो गई. संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंटेनियों गुटेरस ने इन हमलों की निंदा की और हमलावरों को डरपोक बताया है. इन धमाकों पर प्रेजिडेंट अशरफ गनी ने आतंकी समूहों पर आतंकी रवैया अपनाने के निर्देश दिए थे. 

आंतरिक मंत्रालय ने बयान किया जारी

अफगानिस्तान के आंतरिक मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में पूर्वी शहर गार्डेज़ में हमले की पुष्टि की बात कही गई है. तालिबान ने कहा है कि आक्रामक घोषणा के बाद काबुल प्रशासन के एक महत्वपूर्ण सैन्य मुख्यालय को निशाना बनाया गया है. तालिबान ने कहा है कि पूर्वी अफगान शहर में बम विस्फोटकों से भरे एक ट्रक ने गुरुवार को पूर्वी अफगान शहर गार्डेज़ में हमला किया. जिसमें कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई. 

प्रसव अस्पताल पर किया था घातक हमला

इसके पहले मंगलवार को राजधानी काबुल के पश्चिमी इलाके में एक जच्चा-बच्चा अस्पताल में आतंकी हमला किया गया था. इसमें गुरुवार को मरने वालों की संख्या 24 पहुंच गई है. इसमें दो नवजात भी शामिल हैं. इस बात की जानकारी एक अधिकारी ने दी. आंतरिक मामलों के मंत्रालय ने जो तस्वीर जारी की, उसके अनुसार अफगानिस्तान सुरक्षाबलों ने अस्पताल से कई बच्चों एवं उनकी मांओं को सुरक्षित निकाल लिया है.

 

उप स्वास्थ्य मंत्री वाहिद मजरूह ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया था कि हमले में 24 लोग मारे गए हैं और 16 अन्य लोग घायल हुए हैं. हमले के बाद तक किसी आतंकी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली थी.

...और मिट गई 'उम्मीद'

जानकारी के मुताबिक एक महिला ज़ैनब ने हमले के कुछ वक़्त पहले ही अपने बच्चे को जन्म दिया था. उन्होंने अपने बच्चे का नाम 'ओमिद' रखा था, जिसकामतलब होता है- उम्मीद. वह सालों बाद मां बनीं थीं इसलिए उन्होंने अपने बच्चे का नाम 'ओमिद' रखा था. जिस समय हमला हुआ ज़ैनब वॉशरूम गई हुई थीं.

तभी चीखने-चिल्लाने की आवाज़ें आने लगीं. चार घंटे पहले जिस बच्चे को जन्म दिया था, उसकी फ़िक्र का सोचकर वो दौड़ते हुए आईं लेकिन चार घंटे पहले जन्मीं उनकी उम्मीद मिट चुकी थी.

 
ये लोग डरपोक हैं-गुटेरस

संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंतोनियो गुटेरस ने अफगानिस्तान के प्रसव अस्पताल पर 'भयावह' हमले की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि ऐसे 'अस्वीकार्य' अपराधों को अंजाम देने वालों को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए. गुटेरस ने आतंकियों को डरपोक बताया और कहा कि ऐसे लोगों को अपनी इन बयानक हरक़तों पर शर्म आनी चाहिए.

 
अंतिम संस्कार समारोह में भी किया हमला

हिंसा की आंच ने काबुल से आगे भी अन्य स्थानों को अपनी चपेट में ले लिया. इस्लामिक स्टेट के प्रभुत्व वाले नानगरहर प्रांत में एक अंत्येष्टि कार्यक्रम में एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोट कर कम से कम 21 लोगों की हत्या कर दी जबकि इस घटना में 55 अन्य घायल हो गए. पूर्वी खोस्त प्रांत में एक अन्य घटना में एक बाजार में लगाए गए बम के फटने से एक बच्चे की मौत हो गई जबकि दस अन्य लोग घायल हो गए. 

प्रेजिडेंट अशरफ गनी ने इन हमलों के लिए तालिबान और इस्लामिक स्टेट दोनों को दोषी ठहराया था. इसके साथ ही हमलावरों से निपटने के लिए सुरक्षाबलों को आक्रामक रवैया अपनाने के निर्देश दिए थे. 

 
 
 
 
 
 

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