फिर इज़राइल के सर्वोच्च नेता बनेंगे नेतान्याहू रविवार को

इज़राइल के राष्ट्रवादी नेता बेन्जामिन नेतान्याहू का शपथ ग्रहण कार्यक्रम फिर टल गया है. अब निर्धारित किये गये नये कार्यक्रम के अनुसार नेतन्याहू रविवार को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे और पहली बार ऐसा होगा कि उनका कट्टर प्रतिद्वंद्वी उनके गठबन्धन मंत्रीमंडल में उनके साथ होगा..  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 15, 2020, 07:52 AM IST
    • नेतान्याहू का शपथग्रहण होगा रविवार को
    • नई तारीख रविवार 17 मई की तय की गई है.
    • अतिरिक्त समय की मांग खुद नेतान्याहू ने की
    • प्रमुख विपक्षी नेता बेनी गांत्ज ने नेतान्याहू से हाथ मिलाया
 फिर इज़राइल के सर्वोच्च नेता बनेंगे नेतान्याहू रविवार को

नई दिल्ली.  तेल अवीव में होने वाला देश का सबसे महत्वपूर्ण राजनैतिक कार्यक्रम फिर टल गया है जो कि गुरुवार 14 मई को आयोजित किया जाना था. इस दिन इज़राइल के सबसे लोकप्रिय राजनेता बेन्जामिन नेतान्याहू का देश के प्रधानमंत्री पद के लिये  शपथ ग्रहण कार्यक्रम होना था जो अब टल गया है और इसकी नई तारीख रविवार 17 मई की तय की गई है.

 

समय की मांग खुद नेतान्याहू ने की

इस अहम राजनैतिक कार्यक्रम के टल जाने की वजह स्वयं नेतान्याहू हैं जिन्होंने आखिरी वक्त पर आर समय की मांग कर दी. इसका कारण देते हुए उन्होंने कहा कि वे अपनी लिकुड पार्टी के सदस्यों के साथ एक मीटिंग करना चाहते हैं और इसके बाद ही वे गठबंधन सरकार में नेताओं को नए पद ऑफर करेंगे. नेतान्याहू ने कहा कि नेताओं को सरकार में अभी जो पद दिए जा रहे थे, उनसे वे संतुष्ट नहीं थे.

बेनी गांत्ज ने स्वीकृति दी

नेतान्याहू के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी बेनी गांत्ज ने उनकी मांग के प्रति अपनी स्वीकृति जताई हैे. बेनी गांत्ज नेतान्याहू की गठबंधन सरकार में शामिल  हो रहे हैं. उन्होंने स्पीकर पद से अपना इस्तीफा वापस लेने को कहा है. अब नेतान्याहू प्रधानमन्त्री पद पर फिर एक बार रविवार को बाकायदा आसीत होने जा रहे हैं और जाहिर है कि बेनी गांत्ज देश में नेता नंबर दो की स्थिति में उनके नये मंत्रीमंडल का हिस्सा बनेंगे. 

 

''नई सरकार है लोकतांत्रिक युद्धविराम'' 

हालांकि नेतन्याहू इजराइल के सबसे बड़े नेता हैं लेकिन मजबूत और एकजुट विपक्ष के कारण वे हाल के राष्ट्रीय चुनावों में अपने लिये पर्याप्त सीटें नहीं जुटा सके. मजबूरन उन्हें राजनीतिक गठजोड़ करके अपनी सरकार बनानी पड़ी है. उनके विपक्षी नेता बेनी गांत्ज ने उनसे हाथ मिलाया है और इस नई सरकार को  इजराइल के राजनीतिक विश्लेषक योहानन प्लेसनेर ने 'लोकतांत्रिक युद्धविराम' करार दिया है.

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