नई दिल्लीः कोरोना संकट के बीच विश्व युद्धक तनाव के माहौल में है. ये माहौल खासकर अमेरिका और चीन दोनों महाशक्तियों के बीच है. अमेरिका पहले ही कोरोना के फैलाव को लेकर चीन पर कई दफा आरोप लगा चुका है तो चीन इस मसले पर कई बार अमेरिका की टिप्पणी पर बौखलाहट जता चुका है. इस महामारी की मानसिक लड़ाई के बीच दक्षिण चीन सागर के पानी में एक बार फिर उबाल आ रहा है. इसकी वजह हैं अमेरिका और चीन. अमेरिका का आरोप है कि चीन साउथ चाइना सी के क्षेत्र में आक्रामक रुख अख्तियार कर रहा है.
आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी
अमेरिका का आरोप है कि चीन की सेना दक्षिण चीन सागर में आक्रामक व्यवहार कर रही है. इस पर चीन भी चुप नहीं बैठा, उसने आरोप लगाया है कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं, लिहाजा मौजूदा ट्रंप प्रशासन माहौल को भड़का रहा है. इस बढ़ते तनाव के बीच चीन के जंगी जहाजों ने युद्ध का लाइव अभ्यास किया है. इस बीच अमेरिका ने अलास्का में अपने ब्रह्मास्त्र कहे जाने वाले F-35 फाइटर जेट को अलर्ट मोड में तैयार कर रखा है.
Rainbow landing
A @USMC F-35B Lightning II prepares to land on #USSAmerica in the South China Sea in support of operations to secure a #FreeAndOpenIndoPacific. pic.twitter.com/QJbZu5PoES— Department of Defense (@DeptofDefense) April 28, 2020
झूठ फैलाने में लगा चीनः अमेरिकी रक्षा मंत्री
चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने मंगलवार को कहा कि चीन की सेना दक्षिण चीन सागर में आक्रामक रूख अपना रही है. उन्होंने कहा कि ‘चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी’ ने कोरोना वायरस को लेकर उस पर लग रहे आरोपों से ध्यान भटकाने और अपनी छवि को सुधारने के लिए झूठी सूचनाएं फैलाने का अभियान तेज कर दिया है.
'दक्षिण चीन सागर में PLA का आक्रामक व्यवहार'
एस्पर ने पेंटागन में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी ने आरोपों से ध्यान भटकाने और अपनी छवि सुधारने के लिए गलत सूचनाएं फैलाने का अपना अभियान तेज कर दिया है. इसके साथ ही हम दक्षिण चीन सागर में PLA (पीपल्स लिबरनेशन आर्मी) का आक्रामक व्यवहार लगातार देख रहे हैं. फिलीपीन के नौसैन्य पोत को धमकाने, मछलियां पकड़ने वाली वियतनाम की नौका डुबाने और अन्य देशों को अपतटीय तेल एवं गैस संबंधी गतिविधियों को लेकर डराने-धमकाने के मामले इसी व्यवहार को दर्शाते हैं.’
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कोरोना को लेकर चीन पर अपारदर्शिता का आरोप
एस्पर ने कहा कि कई देश वैश्विक महामारी के कारण अपने आंतरिक मामलों से जूझ रहे हैं. इसी बीच अमेरिका के रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी इस संकट का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि चीन कोरोना वायरस को लेकर शुरुआत से ही पारदर्शी नहीं रहा है. एस्पर ने कहा कि यदि चीन अधिक पारदर्शी रहा होता तो ‘हम इस वायरस को समझ सकते थे’ और संभवत: दुनिया इस स्थिति में नहीं होती , जिस हालात में वह इस समय है.
चीन का साउथ चाइन सी में लाइव युद्धाभ्यास
इस बीच चीन ने भी अमेरिका से किसी भी जंग की सूरत में अपनी तैयारी तेज कर दी है. चीन के विमानवाहक पोत, जंगी जहाजों और लड़ाकू हवाई जहाजों ने युद्ध का लाइव अभ्यास किया है. चीन की सेना ने कहा है कि वह अमेरिका के साथ किसी भी युद्ध के लिए तैयार हैं. यही नहीं चीन के सबमैरिन का खात्मा करने वाले विमानों ने भी दक्षिण चीन सागर में अपनी गश्त बढ़ा दी है. चीन ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब अमेरिका लगातार इस इलाके में अपने सैन्य जहाजों को भेज रहा है. अमेरिकी निगरानी विमान भी इलाके में नियमित दौरा कर रहे हैं.