नई दिल्ली. अपनी जनसंख्या दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ाने के लिये जाने जाने वाले मुसलिम संप्रदाय के लिये इससे बड़ा दंड और कुछ नहीं हो सकता. किन्तु चीन की सरकार एक तीर से दो दो निशाने लगा रही है. एक तरफ तो वह चीन की जनसंख्या को कम रखने की कोशिश कर रही है दूसरी तरफ मुसलिम समुदाय पर इस तरह की जबर्दस्ती कर रही है.
जबरन हो रही है नसबंदी
सारी दुनिया को पता चल गया है कि चीन में मुसलमानों का उत्पीड़न हो रहा है. किन्तु उत्पीड़न में यह तरीका भी जोड़ा जायेगा इसकी चीन के मुसलमानों ने कल्पना भी नहीं की होगी. चीनी सरकार ने देश की जनसंख्या घटाने के बहाने से ये अभियान शुरू किया है जो 45 साल पहले भारत में कांग्रेस पार्टी के शक्तिमान नेता संजय गांधी ने शुरू किया था. संजय गांधी हर धर्म जाति के लोगों की जबरिया नसबन्दी करा रहे थे किन्तु चाचा जिनपिंग सिर्फ मुसलमानों के पीछे पड़े हुए हैं और उन्हें अपने प्रिय मूलभूत अधिकार से वंचित कर रहे हैं.
चीन सरकार कर रही है बर्बरता
चीन की चाचा जिनपिंग वाली सरकार ये नहीं बता रही है कि वह देश की जनसंख्या कम करना चाह रही है या देश के मुसलमानों की. चीन की सरकार ने मुसलमानों के जन्मदर को बर्बरतापूर्वक नियंत्रित करना शुरू कर दिया है. सरकार मुसलमानों के बच्चों को जन्म लेने से तो रोक ही रही है वहीं दूसरी तरफ चीन में रहने वाले हान बहुसंख्यकों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रेरित भी कर रही है.
चल रहा है जनसांख्यिकीय नरसंरहार
चीन के शिनजियांग प्रान्त के सुदूर पश्चिम में स्थित इलाकों में जबरिया नसबंदी का व्यापक अभियान पिछले चार सालों से चलाया जा रहा है. इसे अन्याय करार देते हुए चीन के मुसलिम धर्मगुरुओं ने इसे एक तरह के जनसांख्यिकीय नरसंरहार का नाम दिया है. इतना ही नहीं लाखों मुसलमान महिलाओं का गर्भपात भी करा रही है चीनी सरकार.
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