लंदन: चीन का इतिहास अपने देश के नागरिकों पर अत्याचार का रहा है. अब चीन अपने कोरोना संक्रमित और इस बीमारी के संक्रमित नागरिकों को एक छोटे से बाक्सनुमा घरों में रख रहा है. यह बॉक्स किसी कंटेनर जैसे दिखते हैं. इन बेहद छोटे कंटेनर में ही
लकड़ी के बिस्तर और शौचालय लगे हैं. वहीं बड़े से मैदानों में इन कंटेनरों को अगल-बगल रख कर नागरिकों को उसमें डाला जा रहा है.
मैदान में रखे इन कंटेनर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. सोशल मीडिया वीडियो 'संगरोध शिविर' दिखाते हैं, जहां गर्भवती महिलाओं और बच्चों को भी रखा गया है.
कैद लोग बेहद परेशान हैं
व्यापक रूप से ऑनलाइन साझा किए गए फुटेज में लोगों को लकड़ी के बिस्तर और शौचालय से सुसज्जित छोटे बक्से में दिखाया गया है, जहां उन्हें दो सप्ताह तक रहने के लिए मजबूर किया जाता है. जिन लोगों ने डायस्टोपियन सुविधाओं का अनुभव किया है, उनका कहना है कि ठंडे धातु के बक्से में उनके पास बहुत कम भोजन बचा था.
मिंगदे 8 यिंगली हाउसिंग कंपाउंड के निवासियों को बताया गया कि 1 जनवरी की आधी रात के बाद उन्हें अपने घर छोड़कर क्वारंटाइन सेंटर में प्रवेश करना था. एक प्रत्यक्षदर्शी ने दावा किया कि 30 बसें परिसर में पहुंचीं, जबकि एक अन्य ने कहा कि 1,000 लोगों को स्थानांतरित कर दिया गया.
ऑनलाइन देखी गई एक टिप्पणी में कहा गया है: 'यहाँ कुछ भी नहीं है, बस बुनियादी ज़रूरतें हैं... कोई भी हमारी जाँच करने नहीं आया है, यह किस तरह का संगरोध है? 'उन्होंने कोई उचित व्यवस्था नहीं की और इसलिए उन्होंने लापरवाही से हमें रखा.'
फुटेज में दिखाया गया है कि शिविर के बाहर, एक व्यक्ति को महामारी कार्यकर्ताओं द्वारा पीटा गया था, जब वह अपने घर से उबले हुए बन्स खरीदने के लिए निकला था. यह स्पष्ट नहीं था कि आन्यांग का लॉकडाउन कितने समय तक चलेगा.
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जीरो कोविड नीति
बताया जा रहा है कि कम्युनिस्ट चीन में अपनी जीरो कोविड नीति को सफल बनाने के लिए ऐसा कर रहा है. जबकि दुनिया भर के विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह नीति कभी सफल नहीं हो सकती क्योंकि ओमिक्रान जैसे वैरिएंट को फैलने से नहीं रोका जा सकता है. कम्युनिस्ट देश चेतावनियों के बावजूद वायरस को मिटाने का प्रयास कर रहा है.
20 मिलियन लोग घरों में कैद
इसलिए ओलंपिक से पहले चीन में 20 मिलियन लोग सख्त लॉकडाउन नियमों के तहत पहरे में रह रहे हैं. चीन में आन्यांग और युझोउ शहरों के 13 मिलियन को घरों में रहने को कहा गया है. इस तरह अब कुल 20 मिलियन लोग चीन में अपने घरों तक ही सीमित हैं.
ओमिक्रॉन संस्करण के दो मामले सामने आने के बाद 5.5 मिलियन लोगों के घर, आन्यांग को सोमवार देर रात बंद कर दिया गया था. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक लॉक-डाउन वाले शहरों के कुछ निवासियों ने बताया है कि हजारों लोगों को 'स्थानांतरण' कर शिविरों में डाला गया है. माना जाता है कि गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को शीआन शिविरों में भेजा गया था.
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