नई दिल्ली: कोरोना का तांडव जारी है, इस वायरस की चपेट में आई पूरी दुनिया अदृश्य दुश्मन के खिलाफ चल रहे जंग से जूझ रही है. संक्रमण का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है इस बीच ये सवाल भी बार बार उठ रहा है कि आखिर कोरोना वायरस कहां और कैसे पैदा हुआ.
चीन के झूठ का होगा पर्दाफाश
अभी तक यही जानकारी है कि कोविड 19 वायरस की शुरुआत चीन के वुहान शहर से हुई. क्या चीन ने जानबूझकर इस विनाशकारी वायरस को पैदा किया. क्या दुनिया को मुट्ठी में करने के लिए चीन ने इस नापाक हरकत को अंजाम दिया या कोरोना वायरस का जन्म प्राकृतिक रूप से हुआ. ये तमाम सवाल हैं जिनका जवाब ढूंढने के लिए दुनिया की सेहत का ख्याल रखने वाली संस्था WHO यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन आज एक अहम बैठक करने जा रहा है.
इस बैठक में कोरोना महामारी फैलाने में चीन की भूमिका की जांच को लेकर चर्चा होगी. दुनिया के तमाम प्रमुख देशों की तरफ से लगातार कोरोना को लेकर चीन की भूमिका पर शक जताया जा रहा था. ज्यादातर देशों ने इसे चीन की शरारत बताते हुए जांच की मांग की थी. ऑस्ट्रेलिया और यूरोपियन यूनियन की अगुआई वाले 62 देशों ने कोरोना के पनपने और इसे फैलाने में चीन की भूमिका को लेकर प्रस्ताव दिया था जिसमें भारत भी शामिल है.
भारत ने पहली बार औपचारिक तौर पर चीन के खिलाफ लगते वाले आरोपों के बीच कोविड-19 महामारी पर अपना रुख साफ किया है. हालांकि ये प्रस्ताव चीन का नाम लिए बिना रखा जाएगा.
चीन ने छिपाई कोरोना की जानकारी?
चीन के खिलाफ लगातार दुनियाभर के अलग-अलग देश इस वायरस को छिपाने के लिए लगातार आरोप लगाते रहे हैं. कोविड-19 को लेकर लगातार जानकारी छिपाने का आरोप लगते रहे हैं. वुहान के मीट मार्केट से वायरस के फैलने के चीनी दावे को एक वैज्ञानिक अध्ययन में चुनौती दी गई है. इस स्टडी में ये दावा किया गया है कि कोरोना मार्केट के जानवरों से नहीं फैला है.
विशेषज्ञों ने शोध में इस बात का भी दावा किया है कि कि WHO ने जानवरों के बाजार से सैम्पलों के के नतीजे अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों से साझा नहीं किए हैं.
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक विशेषज्ञ बायलॉजिस्ट का मानना है कि चीन के वायरस से जुड़ी जानकारी छिपाने का ही परिणाम है कि ये हुई कि कोरोना इंसान से इंसान में फैलाने में सक्षम हो गया था.
ब्रिटेन की सांसद का आरोप
ब्रिटेन की एक सांसद ने चीन पर आरोप लगाया कि एक समय बताया गया कि इंसान से इंसान में संक्रमण नहीं हो रहा है जो बाद में झूठ साबित हुआ, इसमें चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की क्या भूमिका है इसकी जांच होनी चाहिए. दरअसल, वायरस की उत्पत्ति कैसे हुई इसकी जानकारी सामने आने से वैक्सीन बनाने में मदद मिल सकती है और उसे आगे फैलने से रोका जा सकता है.
कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका और चीन लगातार आमने सामने रहे. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे के बाद कि ये वुहान की लैब से पैदा हुआ तनाव और बढ़ा दिया. चीन ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि ये अमेरिकी सैनिकों ने फैलाया है जो स्पोर्ट्स कॉन्टेस्ट के लिए उनके देश आए थे.
चीन ने बनाया कोरोना वायरस?
कोरोना वायरस को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन की भूमिका पर भी सवाल उठे. WHO पर आरोप है कि उसने इस वायरस को लेकर देरी से चेतावनी जारी की. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप WHO को चीन के हाथों की कठपुतली तक कह चुके हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के साथ सारे रिश्ते तोड़ने की धमकी दे दी है. ट्रंप ने WHO पर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए उसे दी जाने वाली अमेरिकी फंडिंग तक पर रोक लगा दी.
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने आरोप लगाया है कि चीन को कोरोना वायरस संक्रमण फैलने से होने वाले गंभीर खतरे की जानकारी थी बावजूद इसके उसने अपने लोगों को देश से बाहर यात्रा करने दी. पूरी दुनिया में अब तक 3 लाख 16 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. अमेरिका में कोरोना ने 90 हज़ार से ज़्यादा जानें अब तक ले ली हैं और ये आंकड़ा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है यही वजह है कि राष्ट्रपति ट्रंप पर चीन के खिलाफ कार्रवाई का दबाव भी बढ़ता जा रहा है.
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आज होने वाली विश्व स्वास्थ्य संगठन की बैठक में चीन के खिलाफ जांच को लेकर क्या कुछ तय होता है ये काफी महत्वपूर्ण होगा. इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन भारत का पक्ष रखेंगे. बैठक में WHO के सभी 194 सदस्य और पर्यवेक्षक हिस्सा लेंगे. आपको बता दें हर साल मई में WHO की बैठक जेनेवा में होती है. कोरोना संकट के कारण इस बार दो दिन की वर्चुअल बैठक होगी.
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