नई दिल्ली. चीन पर वैसे तो दुनिया की नजरें हैं लेकिन उसके सारे दुश्मनों की तोपें भी आज की तारीख में ही उसके खिलाफ तनी हुई हैं. कमाल की बात ये भी है कि चीन की हैकड़ी फिर भी कम नहीं हुई है. लेकिन भारत की सीमा पर बुरी नजर रखने वाले चीन को भारत किसी भी तरह से नजरअन्दाज करके नहीं चल रहा है. चीन के खिलाफ भारत की सशस्त्र चौकड़ी का नाम ही है क्वाड.
मालाबार एक्सरसाइज क्या है
भारत और अमेरिका के बीच चलने वाले साझा नौसैनिक अभ्यासों को मालाबार अभ्यास कहा जाता है जिसे लेकर चीन शुरू से ही शंकाओं से घिरा रहा है. अब चीन की ये शंका सही साबित हो रही है - प्रशांत क्षेत्र के साथ-साथ हिंद महासागर में परेशानी पैदा करने वाले चीन को रोकने के लिए मालाबार एक्सरसाइज को हथियार बनाया जायेगा.
तीन देशों का समूह में आया चौथा देश
अब तक तीन बड़ी शक्तियां मालाबार का हिस्सा थीं अब इसमें चौथी शक्ति भी शामिल हो रही है. भारत, अमेरिका और जापान के साथ अब पहली बार ऑस्ट्रेलिया भी मालाबार में साथ आने को तैयार है. जल्दी ही इस वर्ष होने वाले मालाबार नौसैनिक युद्धाभ्यास के लिए ऑस्ट्रेलिया को आमंत्रण बेजा जाने वाला है और इसके बाद प्रथम बार अनौपचारिक रूप से बने क्वॉड ग्रुप को एक सैन्य मन्च के रूप में सजा हुआ देखा जाने वाला है.
मालाबार है इंडो-पैसेफिक रणनीति
अब तक मालाबार एक सीमित औऱ सामान्य नौसैनिक युद्धाभ्यास के रूप में जाना जाता था लेकिन अब यह इंडो-पैसिफिक रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है. अब तक भारत द्वारा ऑस्ट्रेलिया को इससे अलग रखा गया था किन्तु अब लद्दाख में सीमा पर चीन की हरकत को ध्यान में रख कर उसे भी साध जोड़ने की योजना बनाई गई है. इसके अंतर्गत हिंद महासागर में चीन के बढ़ते कदमों को रोकना इस सशस्त्र जुड़ाव का एक बड़ा लक्ष्य है.
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