एलन मस्क ने नए लक्ष्य को लेकर किया ट्वीट, उनकी कंपनी बनाएगी हाई-स्पीड हाइपरलूप

मस्क ने एक ट्वीट में कहा, "आने वाले वर्षों में, बोरिंग कंपनी एक कामकाजी हाइपरलूप बनाने का प्रयास करेगी." उन्होंने कहा, "भौतिक विज्ञान के एक ज्ञात दृष्टिकोण से, 2,000 मील से कम दूरी के लिए एक शहर के केंद्र से दूसरे शहर तक पहुंचने का यह सबसे तेज संभव तरीका है.   

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 25, 2022, 11:56 AM IST
  • यह तकनीक यातायात की परिभाषा को हमेशा के लिये बदल देगी
  • यह कैप्सूल रूपी चुंबकीय ट्रेन है, जिसकी रफ्तार 1000-1300 किमी है
एलन मस्क ने नए लक्ष्य को लेकर किया ट्वीट, उनकी कंपनी बनाएगी हाई-स्पीड हाइपरलूप

सैन फ्रांसिस्को: टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने सोमवार को घोषणा की कि द बोरिंग कंपनी नामक उसका आधुनिक शहरी परिवहन उद्यम आने वाले वर्षों में एक हाई-स्पीड हाइपरलूप बनाने का लक्ष्य रखेगा. बोरिंग कंपनी ने पिछले सप्ताह अपने सीरिज सी दौर में 675 मिलियन डॉलर जुटाए, जिससे इसका मूल्यांकन 5.7 बिलियन डॉलर तक हो गया.

मस्क ने किया है ट्वीट
मस्क ने एक ट्वीट में कहा, "आने वाले वर्षों में, बोरिंग कंपनी एक कामकाजी हाइपरलूप बनाने का प्रयास करेगी." उन्होंने कहा, "भौतिक विज्ञान के एक ज्ञात दृष्टिकोण से, 2,000 मील से कम दूरी के लिए एक शहर के केंद्र से दूसरे शहर तक पहुंचने का यह सबसे तेज संभव तरीका है. लंबी यात्राओं के लिए यह स्टारशिप जितना तेज है."

मस्क ने दिसंबर 2016 में द बोरिंग कंपनी की स्थापना की थी. पिछले साल अक्टूबर में, इसे एक परिवहन प्रणाली बनाने के लिए प्रारंभिक मंजूरी मिली थी जो लास वेगस के तहत 1.7-मील खंड के साथ सुरंगों के नेटवर्क के माध्यम से टेस्ला वाहनों में यात्रियों को लाने और ले जाने का काम करेगी.
कंपनी के मुताबिक अपडेटेड वेगस लूप पर ऑपरेशन इस साल शुरू होना चाहिए. मस्क ने आगे कहा, "भूमिगत सुरंगें सतह के मौसम की स्थिति के प्रति प्रतिरक्षित हैं (सबवे एक अच्छा उदाहरण हैं), इसलिए हाइपरलूप के लिए यह कोई मायने नहीं रखता है कि धरती पर तूफान आ रहा है.

क्या है हाइपरलूप
यह तकनीक दुनिया में यातायात की परिभाषा को हमेशा के लिये बदल देगी. हाइपरलूप एक कैप्सूल रूपी चुंबकीय ट्रेन है जो 1000-1300 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ़्तार से दौड़ सकती है. परिवहन के क्षेत्र में क्रांति लाने वाले हाइपरलूप का कॉन्सेप्ट ‘एलन मस्क’ ने दिया और इसे ‘परिवहन का पाँचवां मोड़’ भी बताया है. इस तकनीक को हाइपरलूप इसलिये कहा गया क्योंकि इसमें परिवहन एक लूप के माध्यम से होगा जिसकी गति अत्यधिक होगी.

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