नई दिल्लीः अमेरिका-ईरान के बीच जारी गतिरोध रविवार रात और गहरा गया. इराक के उत्तरी बगदाद में मौजूद एयरबेस पर रविवार रात चार रॉकेट हमले की जानकारी मिली है. यह एयरबेस अमेरिकी सैनिकों का ठिकाना है. सूत्रों के मुताबिक, इसमें चार इराकी एयरमैन घायल हो गए हैं. अमेरिका और ईरान के बीच उपजे तनाव को देखते हुए बगदाद के अल-बलाड एयरबेस से पहले ही बड़ी संख्या में अमेरिकी वायु सैनिक वहां से जा चुके हैं. आज के हमले को भी ईरान से जोड़कर देखा जा रहा है क्योंकि चार दिन पहले ही 8 जनवरी को ईरान ने अमेरिकी एयरबेस पर मिसाइलें दागी थीं.
ईरान स्वीकार चुका है विमान हादसा
ईरान ने कमांडर कासिम सुलेमानी के अमेरिकी एयर स्ट्राइक में मौत के बाद बदला लेते हुए मिसाइलें दागी थीं. ईरान ने इसमें कई अमेरिकी सैनिकों के हताहत होने का दावा किया था लेकिन वॉशिंगटन ने इस दावे को खारिज कर दिया था. हालांकि, ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड ने यह स्वीकारा था कि 8 जनवरी को किया गया हमला अमेरिकी सैनिकों को टारगेट करने के लिए नहीं था, उनका मकसद सिर्फ अमेरिकी सैन्य संस्थान को निशाना बनाना था.
उधर, इस मिसाइल हमले के बीच यूक्रेन का एक विमान क्रैश हो गया था जिसमें 176 यात्रियों की मौत हो गई थी. शुरुआत में ईरान इस बात से इनकार करता रहा कि उसके मिसाइल से विमान हादसा हुआ है, लेकिन बाद में उसने कबूला कि दुर्भाग्यवश यह हादसा उसकी मिसाइल से हुआ है.
खामेनेई के खिलाफ सड़क पर लोग
ईरान के यह स्वीकार किए जाने कि यूक्रेन का विमान उसकी मिसाइल से गिरा है तेहरान की सड़कों पर लोग सुप्रीम लीडर अयातोल्ला अली खामेनेई के खिलाफ सड़कों पर उतर आए. उनकी मांग है कि खामेनेई से उनका पद वापस लिया जाए. इस विमान हादसे में अधिकांश यात्री ईरान और कनाडा के थे. कनाडा और यूक्रेन ने इस हादसे के जिम्मेदार को सजा देने और हर्जाने की मांग की है.
Protesters in Tehran demand Ayatollah Khamenei to quit over downing of plane
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— ANI Digital (@ani_digital) January 11, 2020
वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने भी चेतावनी दी है कि वह स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और अब दूसरा नरसंहार नहीं होना चाहिए.
ईरान में खामेनेई के इस्तीफे की मांग को लेकर सड़कों पर उतरा हुजूम