तोक्यो: भूकंप और सुनामी से 2011 में तबाह हुए फुकुशिमा पमाणु संयंत्र से उपचारित रेडियोधर्मी अपशिष्ट जल को अब 2 साल बाद समंदर में छोड़ा जाएगा. इससे पहले जापानी नियामक ने बुधवार को अंतिम निरीक्षण शुरू कर दिया है. एक अनुमान के मुताबिक संयंत्र में 11 लाख टन रेडियोधर्मी अपशिष्ट पानी मौजूद है.
टंकियों में है पानी
जापान के अधिकारियों ने कहा कि पानी को फिलहाल संयंत्र में हज़ारों टंकियों में रखा गया है और भूकंप आने पर दुर्घटनावश पानी लीक होने से रोकने के लिए इसे यहां से हटाने की जरूरत है.
विरोध में कई देश
इस योजना का स्थानीय मछुआरा समुदाय ने कड़ा विरोध किया है. वहीं दक्षिण कोरिया, चीन और प्रशांत द्वीप के राष्ट्रों ने भी सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की है.
सुरंग का होगा इस्तेमाल
यह पानी भूमिगत सुरंग के जरिए समंदर में छोड़ा जाएगा. एक दिन पहले संयंत्र के संचालक ‘तोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी होल्डिंग्स’ (तेपको) ने पानी को समुद्र में छोड़ने के लिए जरूरी आखिरी साजो-सामान स्थापित कर दिया था.
क्या कहा तेपको ने
तेपको ने कहा कि परमाणु नियामक प्राधिकरण के निरीक्षक तीन दिन तक चलने वाले निरीक्षण अभियान के दौरान उपचारित जल को समुद्र में छोड़ने वाले उपकरणों और उसकी सुरक्षा प्रणाली की जांच करेंगे.
अभी तारीख तय नहीं
पानी को छोड़ने के लिए अनुमति पत्र एक हफ्ते बाद जारी किया जा सकता है और तेपको अनुमति पत्र जारी होने के बाद सागर में पानी छोड़ना शुरू कर सकता है. हालांकि इसकी तारीख तय नहीं की गई है.
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