नई दिल्ली: वैश्विक महामारी कोरोना के सामने पूरी दुनिया बेबस है. संक्रमण का इलाज खोजने के लिए दिन रात काम चल रहा है. वैक्सीन और दवा की खोज तो कई देशों में चल रहा है. इटली और इजराइल ने तो वैक्सीन बनाने का दावा भी कर दिया है.
अमेरिका में क्लिनिकल ट्रायल शुरू
कोरोना की तबाही ने सुपरपावर अमेरिका को परेशान कर दिया है. जहां सबसे ज्यादा वैक्सीन पर रिसर्च किए जा रहे हैं. इस बीच अच्छी ख़बर अमेरिका से भी आई है. जहां की दवा कंपनी ने क्लिनिकल ट्रायल पहले अमेरिकी मरीज पर शुरू कर दिया है. यूएस की दवा कंपनी और उसके जर्मन पार्टनर ने कहा है कि अगर क्लीनिकल ट्रायल में वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावशाली साबित होता है तो पूरी दुनिया के लिए मील का पत्थर साबित होगा.
कोरोना वैक्सीन पर अमेरिका से आई 'गुड न्यूज़'!
कंपनी को उम्मीद है कि अक्टूबर महीने तक उसे अमेरिकी फूड और ड्रग विभाग से मान्यता मिल जाएगी जिसके बाद साल के अंत तक 20 मिलियन डोज उपलब्ध करा पाएगी और अगले साल तक 100 मिलियन डोज उपलब्ध कराएगी. कंपनी के मुताबिक मई के आखिर तक एक्सपर्ट सेफ्टी डाटा तैयार कर लेंगे.
इजरायल ने भी वैक्सीन पर किया बहुत बड़ा दावा
इटली, इजरायल और अमेरिका समेत दुनिया के कई और देशों में भी कोरोना के खिलाफ वैक्सीन की तैयारी चल रही है. इजरायल के खुफिया लैब ने तो वैक्सीन बना लेने का दावा भी किया है. खुद वहां के रक्षा मंत्री ने इस बात का दावा किया है.
आपको बता दें, दुनिया भर में वैक्सीन की खोज कुल 115 जगहों पर हो रही है. इसके अलावा वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल भी दुनिया में 6 जगहों पर किया जा रहा है. जबकि विश्व में वैक्सीन की इंसानों पर जांच 2 जगहों पर की जा रही है. वैक्सीन की इंसानों पर जांच अमेरिका-ब्रिटेन में की जा रही है. अनुमान लगाया जा रहा है कि 12-18 महीने का समय वैक्सीन बनने में लग सकता है.
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वैक्सीन रिसर्च की सफलता पर पूरी दुनिया की नज़र है. क्योंकि वैक्सीन की कामयाबी खौफ में जी रहे करोड़ों लोगों के लिए संजीवनी साबित होगा.
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