नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख और राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को फांसी की सजा के खिलाफ पाकिस्तान की सेना और सरकार कोशिश में जुट गई है. पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ की सजा पर चर्चा करने के लिए बुधवार को अपनी पार्टी की कोर कमेटी की इमरजेंसी बैठक बुलाई.
देशद्रोह की सजा से क्यों हो रही पीड़ा?
सवाल यहां ये है कि देशद्रोह मामले में जह पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ को सजा सुनाई गई है तो इससे इमरान नियाजी सरकार और सेना को पीड़ा क्यों हो रही है. इमरान सरकार ने बैठक बुलाई और साथ ही ये ऐलान भी किया है कि इस मामले में सरकार परवेज मुशर्रफ के साथ खड़ी है.
इससे एक दिन पहले वहां की सेना ने भी कहा था कि इस फैसले से सशस्त्र बलों में 'दर्द और पीड़ा' है. पाकिस्तानी सेना ने तो परवेज मुशर्रफ की वकालत करते हुए ये तक कह दिया था कि वो देशद्रोही नहीं हो सकते हैं.
कई पहलुओं पर चर्चा
सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सूत्रों ने ये जानकारी दी है कि पाक पीएम इमरान खान ने मुशर्रफ की सजा के संबंध में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा भी की है. वो इस मामले में हर संभव कोशिश करने के मूड में हैं.
आपको बता दें, इमरान खान ने विपक्ष में रहते हुए देशद्रोह के मामले में मुशर्रफ की सजा का समर्थन किया था. लेकिन इमरान नियाजी अब पलटू राम की तरह पाक सेना के दर्द पर मरहम लगाने की कोशिश में जुट गए हैं. कई स्थानीय समाचार चैनल लगातार उनके पुराने साक्षात्कार के अंश दिखा रहे हैं.
तीन सदस्यीय पीठ ने सुनाई सजा
इमरान खान मंगलवार को 'वैश्विक शरणार्थी मंच' की बैठक में शामिल होने जिनेवा गए थे, जब अदालत के मुख्य न्यायाधीश वकार अहमद सेठ के अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने 76 साल के बीमार पूर्व सेना प्रमुख और पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को देशद्रोह का दोषी पाया और मौत की सजा सुनाई.
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मुशर्रफ इस वक्त दुबई में रह रहे हैं. मुशर्रफ को सजा सुनाए जाने पर सेना ने अपनी नाराजगी जताई थी. जिसके बाद इमरान खान ने भी गिरगिट की तरह रंग बदल लिया. अबतक मुशर्रफ का विरोध करने वाले इमरान नियाजी उनके समर्थन में खड़े हो गए हैं.
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