नई दिल्ली: भारत के नागतिकता कानून के खिलाफ बोलने वाले देशों को बख्शा नहीं जाएगा. इतना ही नहीं आतंकियों और आतंकिस्तान के साथ मलेशिया की यारी उसे भारी पड़ने जा रही है. भारत सरकार ने मलेशिया को सबक सिखाने का फैसला कर लिया है. खबरों के मुताबिक भारत सरकार मलेशिया के साथ जारी व्यापार संबंध की समीक्षा कर रही है.
अब पाई-पाई को तरसेगा मलेशिया!
ज़ी मीडिया को मिली जानकारी के मुताबिक. भारत की रणनीति मलेशिया को सबक सिखाने की है. मलशिया को भारत सरकार आर्थिक मोर्चे पर घेरने जा रही है. खबरों के मुताबिक भारत सरकार मलेशिया से पॉम ऑलय इंपोर्ट पूरी तरह से खत्म करने की तैयारी कर चुकी है. वहीं मलेशिया से आने वाले माइक्रो प्रोसेसर और कंप्यूटर पर पाबंदी लगाई जाएगी. मलेशिया से आने वाले एल्युमिनियम और कॉपर वायर, मोबाइल फोन, डीजल, LNG, समरसिबल ड्रिल मशीन पर रोक लगेगी. मलेशिया से स्टेवलेस स्टील के सामान भी आयात होते हैं, इन्हें भी रोका जाएगा.
BIS के नियमों के मुताबिक मलेशिया से आने वाले सामानों की क्वालिटी की जांच कड़ाई से किए जाने के निर्देश दिए जा चुके हैं. FSSI से कहा गया है कि पॉम ऑयल का उपयोग रोकने के लिए हेल्थ एडवायजरी जारी की जाए. यानी की मलेशिया के घरेलू उद्योग को प्रभावित करने वाली हर वस्तु पर पाबंदी लगाने की रणनीति अपनाई गई है.
मलेशिया से आयात पर रोक से तगड़ा झटका
भारत की ओर ये फैसले अचानक नहीं हो रहे हैं. भारत का ऑयल एक्सट्रैक्शन एसोशिएशन मलेशिया से पाम ऑलय मंगवाना कम कर चुका है. यही नहीं मलेशिया के पाम ऑयल पर भारत की ओर से 5 प्रतिशत सेफ गार्ड ड्यूटी जारी है. हम आपको बताते हैं कि मलेशिया से आयात पर रोक से उसे कितना बड़ा झटका लगेगा.
मलेशिया के साथ भारत का करीब 17 अरब डॉलर का कारोबार होता है. इनमें से 10.80 अरब डॉलर का आयात भारत करता है. जबकि 6.20 अरब डॉलर के सामानों का भारत से मलेशिया में निर्यात होता है. यानी प्रतिबंध की स्थिति में मलेशिया को सालाना 10.80 अरब डॉलर का झटका लगेगा. भारत में मलेशिया सिर्फ 44 लाख टन का पाम ऑयल आता है. प्रतिबंध के बाद उसे नये ग्राहक की तलाश करनी पड़ेगी.
मलेशिया के प्रति भारत के ताजा रुख की 3 बड़ी वजह हैं.
पहली वजह- नागरिकता कानून से मलेशिया को क्या काम?
नागरिकता संसोधन कानून के खिलाफ मलेशिया के पीएम महातिर मोहम्मद का बयान भी उनके देश को परेशानी में डाल रहा है.
दूसरी वजह- जाकिर से यारी मलेशिया को पड़ेगी भारी!
भगोड़े जाकिर नाइक को मलेशिया ने संरक्षण दे रखा है. जो उसके लिए मुसीबत मोल लेने वाला साबित हो सकता है.
तीसरी वजह- 370 पर भारत विरोधी बयान बर्दाश्त नहीं
अनुच्छेद 370 पर मलेशिया की और से भारत विरोधी बयान भी एक बड़ी वजह मानी जा रही है.
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यानी कि मलेशिया के कारोबार की कमर टूटने वाली है. भारत अपने हितों पर समझौता नहीं करने की ठान चुका है.