नई दिल्ली. पाकिस्तान भले ही एक अच्छा पड़ोसी न हो, भारत एक अच्छा पड़ोसी है और निस्संदेह ये बात दुनिया जानती है. जहां पकिस्तान की दुर्जनता उसकी कायरता की पहचान है, भारत की सज्जनता उसका आत्मविश्वास है. भारत न्योता दे रहा है पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम में.
शंघाई सहयोग संगठन का मेजबान है भारत
अतिथि देवो भव - ये भारत की सनातन परम्परा है. और इसकी मिसाल अक्सर देखने को मिलती है. भारत एक बार फिर एक अच्छे पड़ौसी और एक जिम्मेदार देश की भूमिका निभा रहा है और अपने देश में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन की अंतर्राष्ट्रीय बैठक के लिए पाकिस्तान को भी आमंत्रित कर रहा है.
साल के अंत में होगा आयोजन
शंघाई सहयोग संगठन का यह अंतर्राष्ट्रीय आयोजन भारत की मेजबानी में इस साल के अंत में होना है. हालांकि तब तक हालात बहुत बदल जाएंगे. लेकिन सीमा पार से आतंक की फैक्ट्री चलाने वाला पाकिस्तान तब तक सुधरेगा या नहीं, कहना बहुत मुश्किल है. लेकिन भारत ने अपना कर्तव्य निभाया है और शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य पकिस्तान को नज़रअंदाज़ नहीं किया है. अब भारत विरोध की बेशर्मी करते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री भारत आना चाहें तो ये उनकी मर्ज़ी है.
पहला मौक़ा होगा जब मोदी और इमरान एक मंच पर होंगे
2020 के अंत में आयोजित हो रहे शंघाई सहयोग संगठन में जहां भारत मेजबान होगा, पकिस्तान मेहमान होगा. भारत के खिलाफ ज़हर उगलने वाला और भारत विरोधी आतंकी गतिविधियों को पालने-पोसने वाला पाकिस्तान किस मुंह से इस समिट में भाग लेगा, ये उसे सोचना है. लेकिन भारत की तरफ से उसे न्योता जाएगा, ये बात तो तय है. दोनों देशों के बीच बातचीत बंद है और ऐसे में यदि इमरान खान भारत आये तो यह पहला ऐसा मौका होगा जब वे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ किसी एक ही कार्यक्रम में साथ होंगे.
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