अमेरिका में भारतीय डॉक्टर का सम्मान देखकर आप भाव विभोर हो जाएंगे

कोरोना से आगे आकर जूझने वाले डॉक्टरों के सम्मान में अमेरिका में ऐसा काम किया गया, जिसे देखकर डॉक्टरों का तो गौरव बढ़ेगा ही.  हर भारतीय का मस्तक भी गर्व से ऊंचा हो जाएगा.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 22, 2020, 08:29 AM IST
    • अमेरिका में भारतीय डॉक्टर का सम्मान
    • 100 गाड़ियों के काफिले ने किया सैल्यूट
    • कोरोना के खिलाफ जंग में अहम भूमिका निभा रही हैं ये डॉक्टर
    • मूल रुप से मैसूर की रहने वाली हैं डॉ. उमा
अमेरिका में भारतीय डॉक्टर का सम्मान देखकर आप भाव विभोर हो जाएंगे

नई दिल्ली: मूल रूप से मैसूर की रहने वाली अमेरिकी डॉक्टर उमा मधुसूदन के सम्मान में उनके घर के सामने से एक-दो नहीं पूरे सौ गाड़ियों का काफिला गुजरा. ये कोरोना संकट के दौरान इस भारतीय डॉक्टर की अभूतपूर्व सेवाओं की वजह से दिया गया सम्मान है. 

उमा को दिए अनोखे सम्मान से देश का गौरव बढ़ा
सम्मान हासिल करते समय डॉक्टर उमा अमेरिका में अपने घर के सामने खड़ी थीं. सबसे पहले एक काले रंग की एसयूवी उनके पास आकर खड़ी होती है. कार से एक आदमी निकलता है और एक पोस्टर वहां पर लगा देता है. इस पोस्टर पर लिखा है डॉक्टर उमा मधुसूदन की पहचान साउथ विंडसर के अनसंग हीरो के रूप में की गई है.

इसके बाद एक-एक कर गाड़ियों का काफिला गुजरता है और उसमें बैठे लोग डॉक्टर उमा को सैल्यूट करते हैं. हाथ हिलाकर उनका अभिवादन करते हैं. डॉक्टर उमा भी पूरी विनम्रता के साथ इस सम्मान को खड़े होकर स्वीकार करती हैं.

काफिले में सरकारी गाड़ियां भी थीं शामिल 

डॉ. उमा को सम्मान देने वाली 100 गाड़ियों के काफिले में पुलिस की गाड़ी, फायर ब्रिगेड की गाड़ी और प्रशासनिक गाड़ियां भी मौजूद थीं. इस दौरान काफिले में मौजूद गाड़ियों के शायरन बजते रहते हैं और लाइटिंग हो रही होती है. ये सबकुछ साउथ विंडसर अस्पताल की अनसंग कोरोना वारियर डॉ. उमा के सम्मान में किया गया. 

कई लोगों ने ट्वीट किया वीडियो 
करीब 6.30 मिनट के इस वीडियो को कई लोगों ने अपने ट्विटर एकाउंट से शेयर किया है. जिसमें भारतीय और अमेरिकी दोनों देशों के लोग शामिल हैं. खुद भारत के उप-राष्ट्रपति ने डॉ. उमा के सम्मान में ट्विट किया है. 

दरअसल डॉक्टर उमा ने कोरोना से बुरी तरीके से प्रभावित अमेरिका में अपनी जान की परवाह किए बगैर अबतक हजारों लोगों को इलाज किया है. वह अभी भी वे इस नेक काम में बगैर थके बगैर रुके लगी हुई हैं. डॉक्टर उमा ने अपनी निस्वार्थ सेवा से डॉक्टर के पेशे को नया गौरव दिलाया है साथ ही मानवता को नया आयाम दिया है.

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