अफगानिस्तान में भारत की मौजूदगी से पाकिस्तान को दर्द

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि 'अफगानिस्तान में भारत की मौजूदगी जरुरत से ज्यादा है.'

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 18, 2021, 08:06 PM IST
  • पाकिस्तान की तकलीफ को समझिए
  • विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की टिप्पणी
अफगानिस्तान में भारत की मौजूदगी से पाकिस्तान को दर्द

नई दिल्ली: अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की तैयारियों की पृष्ठभूमि में भारत द्वारा वहां शांति प्रक्रिया के तहत राजनयिक गतिविधियां बढ़ाए जाने से बेचैन पाकिस्तान का कहना है कि कभी-कभी उसे लगता है कि युद्ध से जर्जर देश में भारत की मौजूदगी ‘जरुरत से कुछ ज्यादा ही है.’

पाकिस्तान को क्यों हो रहा दर्द?

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की यह टिप्पणी अफगानिस्तान के समाचार चैनल ‘टोलो’ पर आई है. गौरतलब है कि मंगलवार को ही विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कतर की राजधानी दोहा में अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जलमै खलीलजाद से भेंट की थी और क्षेत्र के संबंध में विचारों का आदान-प्रदान किया था.

शनिवार को प्रसारित साक्षात्कार में कुरैशी ने कहा, ‘हां, आपके सम्प्रभु संबंध हैं और द्विपक्षीय संबंध हैं और आपको भारत के साथ सम्प्रभु और द्विपक्षीय संबंध रखने का पूरा अधिकार है. आप भारत के साथ व्यापार करते हैं. वे यहां आकर विकास कार्य करते हैं, हमें इन सभी से कोई ऐतराज नहीं है.’

समाचार चैनल के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट साक्षात्कार के अंशों के मुताबिक, कुरैशी ने कहा, ‘लेकिन कभी-कभी हमें लगता है कि उनकी (भारत) मौजूदगी जरुरत से ज्यादा ही है क्यों उनकी सीमा आपके साथ नहीं लगती है.’

Pak की असली दिक्कत को जानिए

यह पूछने पर कि क्या अफगानिस्तान में भारत की मौजूदगी से पाकिस्तान को दिक्कत होती है, कुरैशी ने कहा, ‘हां, अगर वे (भारत) आपकी (अफगानिस्तान) जमीन का इस्तेमाल हमारे खिलाफ करेंगे, तो मुझे इससे दिक्कत है.’

यह पूछने पर कि भारत, अफगान जमीन का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ किस तरह से कर रहा है, कुरैशी ने आरोप लगाया, ‘हां, वे कर रहे हैं. आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देकर.’

अफगानिस्तान में हो रही हिंसा पर..

साक्षात्कार में कुरैशी ने अफगानिस्तान में हो रही हिंसा की जिम्मेदारियों से तालिबान को मुक्त करते हुए कहा कि चरमपंथी समूह को इस खूनी खेल के लिए जिम्मेदार ठहराना कुछ बढ़ा-चढ़ा कर बताने जैसा होगा.

कुरैशी ने कहा, ‘फिर से, अगर आप यह छवि बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि हिंसा तालिबान के कारण है. फिर से यह कुछ बढ़-चढ़ा कर बताने जैसा होगा. मैं ऐसा क्यों कह रहा हूं? क्या वहां अन्य तत्व नहीं है, जो ऐसा कुछ कर रहे हैं?’

हिंसा के लिए जिम्मेदार ताकतों के संबंध में सवाल करने पर कुरैशी ने कहा, ‘दाऐश (आतंकवादी समूह, इस्लामिक संगठन(आईएस), जैसी ताकतें अफगानिस्तान के भीतर हैं. उन्हें युद्ध की अर्थव्यवस्था से लाभ होता है, जो अपनी ताकत बढ़ाना चाहते हैं, जो अपने हित से आगे नहीं देख पा रहे हैं और सिर्फ ताकत के पीछे भाग रहे हैं.’

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गौरतलब है कि देश में शांति प्रक्रिया के तहत अफगानिस्तान सरकार और तालिबान के बीच सीधी बातचीत चल रही है. इससे पहले दोनों के बीच करीब दो दशक लंबी चली लड़ाई ने हजारों लोगों की जान ली है और देश को लगभग पूरी तरह बर्बाद कर दिया है.

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