जानें क्यों है चीन में मंदी की आहट, बीजिंग की इकोनॉमी में हुए ये दो बड़े सुराख

Recession in China: महंगाई के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था पहले से ही खस्ता हाल है. अब बीजिंग का रियल एस्टेट सेक्टर संकट में आ गया है.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 30, 2022, 02:51 PM IST
  • विशेषज्ञ चीन की इस स्थिति की तुलना यूएस हाउसिंग बबल फटने से कर रहे हैं
  • इसके चलते 2008 का वित्तीय संकट आया था और दुनिया मंदी की चपेट में आ गई थी
जानें क्यों है चीन में मंदी की आहट, बीजिंग की इकोनॉमी में हुए ये दो बड़े सुराख

नई दिल्ली: Recession in China: 2008 के यूएस हाउसिंग बबल के फटने से पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में आ गई थी. 14 साल बाद वैसे ही हालात चीन में बन रहे हैं. बीजिंग का रियल एस्टेट सेक्टर संकट में है. वहीं महंगाई के चलते (चीन में यह समस्या भी है) वैश्विक अर्थव्यवस्था पहले से ही खस्ता हाल है. आइये समझते हैं कि चीन की अर्थव्यवस्था में ये सुराख हो कैसे रहे हैं.

इस बार वैश्विक स्तर पर कहां है गड़बड़
ग्‍लोबल मार्केट में बढ़ती महंगाई को थामने के लिए दुनियाभर के देश अपने केंद्रीय बैंकों के जरिये ब्‍याज दरों में वृद्धि करा रहे हैं. इससे महंगाई तो थोड़ी बहुत काबू में आ जाएगी लेकिन विकास दर सुस्‍त होने की वजह से मंदी का जोखिम बढ़ रहा है.

चीन में मंदी के कारण
ब्‍लूमबर्ग की ताजा रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एशियाई अर्थव्‍यवस्‍थाओं पर मंदी का जोखिम कहीं ज्‍यादा बढ़ रहा है. चीन और जापान पर भी मंदी का खतरा मंडरा रहा है. 

रिपोर्ट के मुताबिक एक तो महंगाई के चलते चीन में दिक्कत बढ़ रही है. वहीं चीन के रियल एस्टेट क्षेत्र में नकदी की भारी कमी है. इस संकट के कारण ही एशिया की सबसे अमीर महिला यांग हुयान ने पिछले एक साल में अपनी आधी से अधिक संपत्ति खो दी है.

कितना बड़ा है चीन का रियल एस्टेट 
रियल एस्टेट और इससे जुड़े उद्योग 17.5 ट्रिलियन डॉलर की चीनी जीडीपी का एक तिहाई हिस्सा हैं. इसलिए इस सेक्टर में आया नकदी का संकट बड़ा हो गया है. कुछ विशेषज्ञ चीन की इस स्थिति की तुलना यूएस हाउसिंग बबल के फटने से कर रहे हैं. इसके चलते ही 2008 का वित्तीय संकट आया था और पूरी दुनिया मंदी की चपेट में आ गई थी. 

अच्छे दिनों में लिया लोन, अब चुका नहीं पा रहे
रियल एस्टेट के इस नकदी संकट के चलते ही चीन में कई स्थानीय बैंकों ने पैसों की निकासी को फ्रीज कर दिया है. चीन की रियल एस्टेट कंपनियों ने बूम के वर्षों में बड़ी परियोजनाओं पर भारी मात्रा में उधार लिया था. बैंक पहले से ही कोरोना महामारी से पैदा हुई आर्थिक मंदी और बिल्डर्स द्वारा लोन डिफॉल्ट कर जाने से संकट में हैं. करीब चार लाख ग्राहक इन बैकों में जमा अपना पैसा नहीं निकाल पा रहे हैं. 

बैंकों के बाहर क्यों तैनात हुए टैंक
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ग्राहकों के पैसे निकालने पर लगी रोक के कारण कई जगहों पर प्रदर्शन हिंसक हो गए हैं. सरकार को बैंकों के बाहर टैंक तैनात करने पड़े हैं. वहीं बैंकों का कहना है कि सिस्टम अपग्रेडेशन के चलते वो पैसा नहीं दे पा रहे हैं.

विकास दर भी घट रही
एशिया डेवलेपमेंट बैंक के अनुसार, चीन की अर्थव्यवस्था के 2022 में 4.6% की दर से बढ़ने की उम्मीद है. पहले 5.1 फीसद का पूर्वानुमान दिया था. वहीं दूसरी तिमाही में चीन ने सालाना आधार पर केवल 0.4% की वृद्धि दर्ज की, जो कोरोना महामारी शुरू होने के बाद से सबसे कम है. 

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