Malabar2020: अरब सागर में 'समंदर के सिकंदर', चीन को 'मालाबार मैसेज' पार्ट-2

समंदर में चीन की बढ़ती ताकत का जवाब देने के लिए भारत और सहयोगी देशों ने अपनी तैयोरियों को तेज़ कर दिया है.  मालाबार नौसैनिक युद्धाभ्यास का दूसरा चरण आज से शुरू होगा. अमेरिका का सबसे बड़ा एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस नीमित्ज़ और भारत का एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रमादित्य युद्धाभ्यास करेंगे..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 17, 2020, 09:03 AM IST
  • मालाबार नौसैनिक युद्धाभ्यास का दूसरा चरण आज से शुरू
  • अरब सागर में क्वाड देशों की नेवी करेंगी युद्धाभ्यास
  • भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया की नेवी लेंगी हिस्सा
  • 17 से 20 नवंबर तक दूसरे चरण का युद्धाभ्यास
Malabar2020: अरब सागर में 'समंदर के सिकंदर', चीन को 'मालाबार मैसेज' पार्ट-2

नई दिल्ली: समुद्र में चीन की दादागीरी को ख़त्म करने के लिए भारत अब अपने अंतरराष्ट्रीय गठबंधन को मजबूत कर रहा है. समंदर में चीन की ताकत का जवाब देने के लिए समंदर में भी तैयारियों को मजबूत किया जा रहा है. इसी कड़ी में आज से भारत..अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया अरब सागर में मालाबार युद्धाभ्यास के दूसरे चरण की शुरुआत करेंगे.

समंदर में चीन के खिलाफ शक्तिशाली 'चक्रव्यूह'

इस युद्धाभ्यास में अमेरिका का सबसे बड़ा एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस निमित्ज़ और भारत का एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य हिस्सा लेंगे. इस युद्धाभ्यास में क्वाड में शामिल चारों देश संयुक्त शक्ति प्रदर्शन करेंगे.

अतिक्रमणकारी और विस्तारवादी चीन की समंदर में बढ़ती शक्ति के ख़िलाफ़ क्वाड देशों ने चक्रव्यूह रचना शुरू कर दिया है. अपनी ताकत पर घमंड करने वाले चीन को समंदर में उसकी हैसियत दिखाने के लिए बंगाल की खाड़ी में हुआ मालाबार युद्धाभ्यास का पहला चरण ही काफी था. लेकिन चीन के दिमाग में कोई फितूर न रह जाए इसके लिए चीन को पराक्रम की दूसरी पिक्चर अरब सागर में दिखाई जाएगी.

मालाबार युद्धाभ्यास से चीन को संदेश 

मालाबार युद्धाभ्यास
पहला चरण (3-6 नवंबर)

मालाबार युद्धाभ्यास
दूसरा चरण (17-20 नवंबर)

बंगाल की खाड़ी में क्वाड देशों यानि भारत,अमेरिका जापान और आस्ट्रेलिया की नेवी ने 3 से 6 नवंबर तक शक्तिशाली युद्धपोतों के साथ युद्धाभ्यास किया. इस दौरान पनडुब्बी युद्ध और समुद्र से हवा में मार करने की क्षमता का अभ्यास किया गया, लेकिन अब मालाबार नौसैनिक युद्धाभ्यास का दूसरा चरण 17 से 20 नवंबर तक अरब सागर में होगा. और इस युद्धाभ्यास में दुनिया के सबसे शक्तिशाली एयरक्रॉफ्ट कैरियर हिस्सा लेने जा रहे हैं. इस खबर ने चीन के होश उड़ा दिए हैं.

'क्वाड शक्ति' का सबसे घातक प्रदर्शन

पूर्वी लद्दाख में पिछले छह महीने से भारत और चीन के बीच तनाव जारी है. इस बीच समंदर में चीन को घेरने के लिए मालाबार युद्धाभ्यास के जरिए क्वाड देशों की नौसेनाएं आपसी तालमेल को बढ़ा रही हैं. चलिए अब हम आपको बताते हैं अरब सागर में होने वाला मालाबार नौसैनिक युद्धाभ्यास का दूसरा चरण कितना प्रभावशाली होने वाला है.

मालाबार युद्धाभ्यास का दूसरा चरण

अभियान के केंद्र में अमेरिका और भारत के एयरक्रॉफ्ट कैरियर, अमेरिका का सबसे घातक एयरक्रॉफ्ट कैरियर यूएसएस निमित्ज युद्धाभ्यास में शामिल होगा. इंडियन नेवी का एयरक्रॉफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य भी हिस्सा लेगा. परमाणु ईंधन से संचालित यूएसएस निमित्ज के हिस्सा लेने से अभ्यास के प्रभाव काफी बढ़ जाएगा, ऑस्ट्रेलियाई नौसेना का प्रतिनिधित्व फ्रिगेट बल्लार्ट और हेलीकॉप्टर करेंगे.

चीन को करेंगे चित निमित्ज़ और विक्रमादित्य

यानि अरब सागर में आईएनएस विक्रमादित्य और यूएसएस के निमित्ज़ की घातक जोड़ी मिलकर दुश्मनों पर हमले का अभ्यास करेंगी. यूएसएस निमित्ज दुनिया का सबसे बड़ा एयरक्राफ्ट कैरियर है. जिसके साथ विशाल नौसेनिक युद्धक  बेड़ा मौजूद रहता है जिसमें बड़ी संख्या में डेस्ट्रॉयर, फ्रिगेट और अन्य पोत शामिल हैं.

इस युद्धाभ्यास में निमित्ज के साथ क्रूजर प्रिंसटन और डेस्ट्रॉयर स्टरेट और पी8एम समुद्री टोही विमान शामिल होंगे. अमेरिका के सातवें बेड़े में शामिल दुनिया के सबसे बड़े एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस निमित्ज़ की ताकत को आप इस तरह से समझ सकते हैं..

यूएएस निमित्ज की ताकत

  • निमित्ज में 80 से 90 फाइटर एयरक्राफ्ट मौजूद
  • साढ़े 4 एकड़ से ज्यादा बड़ा फ्लाइट डेक
  • कई देशों की एयरफोर्स से ज्यादा शक्तिशाली
  • कई देशों को तबाह करने की क्षमता

क्वाड देशों के इस युद्धाभ्यास में चारों देशों के घातक युद्धपोत शामिल होंगे. जो लोकतांत्रिक देशों के बीच समन्वय बढाने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र को खुला, समावेशी और नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था बनाए रखने की प्रतिबद्धता को दिखाने के लिए है. इसे सरल शब्दों में समझाया जाए तो हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की दादागीरी को ख़त्म करने के लिए ही ये युद्धाभ्यास किया जा रहा है. चलिए अब हम आपको बताते हैं मालाबार पार्ट टू में और क्या क्या होने वाला है.

भारतीय नौसेना के मुताबिक इस युद्धाभ्यास में दो एयरक्रॉफ्ट कैरियर के अलावा युद्धपोत, पनडुब्बी और विमान अभ्यास में शामिल होंगे. चार दिनों तक गहन समुद्री अभियान को अंजाम देंगे. युद्धाभ्यास में 'क्रॉस डेक फ्लाइंग ऑपरेशन' का अभ्यास होगा. विक्रमादित्य और निमित्ज़ पर तैनात लड़ाकू विमानों के जरिए हवाई रक्षा का अभ्यास होगा. विक्रमादित्य पर मिग 29 और निमित्ज़ में एफ 18 और ई2सी हॉकआई तैनात होगा. मालाबार नौसैनिक युद्धाभ्यास में पनडुब्बी युद्ध का भी अभ्यास किया जाएगा.

समंदर में चीन देखेगा भारत की ताकत

आईएनएस विक्रमादित्य के अलावा हवाई इकाई के हेलीकॉप्टर, डेस्ट्रॉयर आईएनएस कोलकाता आईएनएस चेन्नई, स्टील्थ फ्रिगेट तलवार और सहायक पोत दीपक भी इस युद्धाभ्यास में भारत की ओर से शामिल होंगे. मालाबार युद्धाभ्यास के दूसरे चरण में देश में ही निर्मित पनडुब्बी आईएनएस खंडेरी और पी8आई समुद्री टोही विमान भी भारतीय नौसेना की ओर से अपनी क्षमता का परिचय देंगे.

मतलब ये है कि अरब सागर में अगले चार दिनों तक समंदर में ऐसा शक्ति प्रदर्शन होने जा रहा है जो चीन को भारत के अंतरराष्ट्रीय प्रभाव और समंदर में ताकत की गहराई तक जानकारी दे देगा. चारों देश मिलकर चीन को ये संदेश भी देंगे अगर समंदर में उसने दादागीरी ख़त्म नहीं की तो युद्धाभ्यास सिर्फ एक ट्रेलर है. और पूरी पिक्चर दिखाने की नौबत आई तो चीन बहुत ज्यादा पछताएगा.

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