Mossad: जैसे भारत के पास RAW, वैसे इजराइल के पास मोसाद... ये हैं इसके 5 बड़े ऑपरेशन!

Mossad Big Operations: ऐसा दावा है कि इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने ही हमास चीफ इस्माइल हानिया को मारा है. मोसाद पश्चिम में CIA के बाद दूसरी सबसे ताकतवर खुफिया एजेंसी मानी जाती है. इसने कई ऐसे ऑपरेशन किए हैं, जिन्हें जानकर दुनिया दंग रह गई. 

Written by - Ronak Bhaira | Last Updated : Aug 2, 2024, 08:45 AM IST
  • मोसाद 1949 में बनी
  • सीधे PM को रिपोर्टिग'
Mossad: जैसे भारत के पास RAW, वैसे इजराइल के पास मोसाद... ये हैं इसके 5 बड़े ऑपरेशन!

नई दिल्ली: Mossad Big Operations: जैसे भारत के पास RAW (Research and Analysis Wing) हो, ठीक वैसे ही इजराइल के पास मोसाद है. दावा किया जा रहा है कि हमास के चीफ इस्माइल हानिया को मारने का काम मोसाद ने ही किया है. मोसाद के पास सीक्रेट एजेंट्स से लेकर आधुनिक तकनकी से लैस हथियार हैं, इनके जरिये मोसाद ने कई बड़े ऑपरेशन किए हैं. आइए, जानते हैं मोसाद कैसे बना और इसके 5 बड़े ऑपरेशन कौनसे हैं?

मोसाद कब और क्यों बना?
इजराइल ने 13 दिसंबर, 1949 को मोसाद की स्थापना की. इजराइल तब आतंकवाद से जूझ रहा था, इसे खत्म करने के लिए उन्होंने मोसाद बनाई. मोसाद कुछ हद तक इसमें सफल भी हुआ. साल 1951 में मोसाद को सीधी PMO के अंतर्गत कर दिया. इसके बाद इसके अधिकारी प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करने लगे. मोसाद का सालाना बजट 3 बिलियन डॉलर है. मोसाद में 7,000 कर्मचारियों का स्टाफ काम करता है. यह CIA के बाद पश्चिम की दूसरी सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी है

मोसाद के पास हैं टॉप सीक्रेट एजेंट्स
ऐसा कहा जाता है कि मोसाद के एजेंट्स इतने वेल-ट्रेंड होते हैं कि वे किसी भी काम को अंजाम देने के बाद कोई सबूत नहीं छोड़ते. यही कारण है कि कई देशों ने मोसाद पर आरोप तो लगाए, लेकिन सिद्ध नहीं कर पाए. मोसाद के पास सीक्रेट एजेंट्स के अलावा, शार्प शूटर, जासूस और हाईटेक इंटेलिजेंस की टीम है. मोसाद के उन देशों से भी संबंध बताए जाते हैं, जो इजराइल के साथ नहीं खड़े हैं. 

मोसाद के 5 बड़े ऑपरेशन

1. आपने नीरज पांडे द्वारा निर्देशित 'बेबी' फिल्म देखी होगी. इसमें एक मास्टरमाइंड आतंकी को विदेश से किडनैप कर भारत लाया जाता है. ऐसा कारनामा मोसाद 1960 में कर चुकी है. दरअसल, 1960 में अर्जेंटीना से मोसाद ने नाजी युद्ध के अपराधी एडोल्फ एकमैन को किडनैप किया. फिर उसे इजराइल लाया गया. ये काम मोसाद के केवल 5 एजेंट्स ने ही किया था.

2. मोसाद ने अगले बड़े ऑपरेशन को साल 1964 में अंजाम दिया. तब रूस के पास मिग-29 था, जो सबसे ताकतवर लड़ाकू विमान माना जाता था. इसे अमेरिका की खुफिया एजेंसी CIA भी नहीं पा सकी थी. लेकिन मोसाद की एक महिला एजेंट ने इस काम को करके दिखाया. हालांकि, बाद में मोसाद का एक एजेंट पकड़ा गया था, जिसे फांसी दे दी थी.

3. साल 1972 में म्यूनिख ओलंपिक होने थे. इसमें इजराइल की टीम भी हिस्सा लेने गई. लेकिन 11 खिलाड़ियों को फलस्तीनी आतंकियों ने बंधक बना लिया था. मोसाद ने 20 साल तक एक बड़ा ऑपरेशन चलाया और हर उस आतंकी को ढूंढ-ढूंढकर मारा, जो इस किडनैपिंग में शामिल था.

4. साल 1976 में अरब के आतंकियों ने एक फ्रांसीसी विमान को हाइजैक कर लिया था. इस विमान में 94 इजराइली नागरिक भी थे. मोसाद ने इन्हें युगांडा से मुक्त कराया था. इसे 'ऑपरेशन थंडरबोल्ट' नाम दिया गया. इसकी चर्चा पूरी दुनिया में हुई थी.

5. साल 2020 ईरान के एक परमाणु वैज्ञानिक ब्रिगेडियर जनरल मोहसिन फखरीजादेह की हत्या हो गई थी. ईरान के सैन्य परमाणु कार्यक्रम का शीर्ष अधिकारी था. हालांकि, ये मोसाद ने ये खुले तौर पर नहीं स्वीकार कि उसकी हत्या किसने की. लेकिन जून 2021 में मोसाद के चीफ ने इसको लेकर बड़े खुलासे किए थे. 

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