नई दिल्ली. सारी दुनिया कोरोना महामारी से लड़ रही है और कोरोना वैक्सीन बनाने के लिए जूझ भी रही है. हाल ही में कामयाबी के काफी करीब पहुँच कर नाकाम रहा है ऑक्सफोर्ड का वैक्सीन प्रोजेक्ट. लेकिन इसके बाद थाईलैंड ने एक नए ट्रायल की शुरुआत करके उम्मीद को ज़िंदा रखा है. वैसे एक सच ये भी है कि आज की तारीख में कोरोना वैक्सीन बनाने के लिए दुनिया में सौ जगह प्रोजेक्ट चल रहे हैं.
एक प्रोजेक्ट हुआ फेल और दो प्रोजेक्ट आगे बढ़े
दुनिया के चिकित्सा वैज्ञानिक लगातार कोरोना की दवा बनाने के लिए दिन रात एक किये हुए है. इस दौरान नाकामियां कितनी भी आएं, कामयाबियों की उम्मीदें ज्यादा ज़िंदा नज़र आ रही हैं. ऐसे में दो प्रोजेक्ट आगे बढ़े हैं और एक फेल हुआ है. जहां ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का वैक्सीन प्रोजेक्ट फेल हो गया है वहीं अमेरिकी दवा कंपनी मॉडर्ना के वैक्सीन ट्रायल के शुरुआती नतीजे सफल रहे हैं और साथ ही वैक्सीन बनाने के इन कोशिशों में अब थाईलैंड भी शामिल हो गया है.
मॉडर्ना प्रोजेक्ट बनाम ऑक्सफोर्ड प्रोजेक्ट
कोरोना संक्रमण मामलों की संख्या दुनिया में पचास लाख को पार कर गई है. लेकिन अब तक दुनिया में एक भी कोरोना मेडिसिन तैयार नहीं हो पाई है. जिस प्रोजेक्ट पर पूरी दुनिया की निगाहें लगी थीं वो ऑक्सफोर्ड वैक्सीन प्रोजेक्ट में वैक्सीन का ट्रायल शुरुआती चरण में ही फेल हो गया है. लेकिन वहीं इस वैक्सीन का बंदरों पर कोई खास असर होता नहीं दिख रहा है. लेकिन उम्मीदें लगातार बनी हुई हैं क्योंकि एक तरफ जहां अमेरिका की बायोटेक कंपनी मॉडर्ना को अपने प्रोजेक्ट में शुरुआती सफलता मिली है वहीं अब थाईलैंड भी कोरोना की वैक्सीन बनाने की कतार में खड़ा हो गया है.
थाईलैंड के ट्रायल से बंधी उम्मीद
जहां एक तरफ पेंटागन कह रहा है कि कोरोना वैक्सीन मिलने में एक साल लग जाएगा, थाईलैंड ने कोरोना वैक्सीन बनाने की कोशिशों की शुरुआत के साथ ही कह दिया है कि छह से सात माह में कोरोना की वैक्सीन बनाई जा सकती है. थाईलैंड के इस प्रोजेक्ट को शुरुआती सफलता मिली है और चूहों पर इसका सकारात्मक असर दिखा है.अब बंदरों पर इस वैक्सीन का ट्रायल शुरू होने वाला है.
इंग्लैंड नए रास्ते तलाशने की कोशिश में
बोरिस जॉनसन ने की नए रास्ते तलाशने की बात कही है. उनका कहना है कि वैश्विक प्रयासों को बावजूद संभव है कि कोरोना वायरस पर रोक लगाने का ये तरीका सफल न हो इसलिए हमें कोरोना वायरस को रोकने के लिए नए रास्ते तलाशने की जरूरत है.
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