नई दिल्ली. ये एक लम्बी कतार है उन देशों की जो हांगकांग की आज़ादी छीनने के मुद्दे पर चीन का विरोध करते हुए उसके साथ संबंध तोड़े हैं. अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्रिटेन ने पहले ही चीन के विरोध में कदम उठा लिए हैं और अब जर्मनी ने भी चीन के लिए हथियारों की आपूर्ति बंद कर दी है.
विदेश मंत्री का आया बयान
न्यूजीलैंड ने ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन के बाद अब खुद भी मुखर हो कर चीन के विरोध का फैसला कर लिया है. नूज़ीलैण्ड के विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स का बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा है कि न्यूजीलैंड को अब यह संदेह है कि हांगकांग की आपराधिक न्याय प्रणाली चीन के दबाव से पूरी तरह मुक्त नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अगर चीन आगे ‘एक देश, दो सिस्टम’ के नियम मानता है तो हम अपने फैसले पर पुनर्विचार करेंगे.
''संबंधों पर करेंगे पुनर्विचार''
न्यूज़ीलैंड ने कहा कि अब वह हांगकांग के साथ अपने रिश्तों पर पुनर्विचार करेगा. विदेश मंत्री पीटर्स ने कहा कि - अब हम हांगकांग को सैन्य उपकरण और तकनीकी उत्पाद उन नियमों और कीमतों पर निर्यात करेंगे जिन पर चीन को करते हैं. इसके पहले अमेरिका भी हांगकांग को मिलने वाली विशेष सहायता बंद कर चुका है क्योंकि अब हांगकांग पर चीन काबिज हो गया है.
'फाइव आइज़' ने किया विरोध
न्यूज़ीलैंड फाइव आइज़ समूह का वह आखिरी सदस्य है जिसने अब अर्द्ध स्वायत्त क्षेत्र में चीन द्वारा नए सुरक्षा कानून को लागू करने के बाद ये फैसला लिया है. न्यूज़ीलैंड के पहले फाइव आइज़ समूह के दूसरे सदस्य देश अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन हांगकांग के साथ प्रत्यर्पण संधि को अमान्य कर चुके हैं. अमेरिका ने तो हांगकांग का विशेष दर्जा पहले ही निलंबित कर दिया है.
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