नई दिल्ली: न्यूजीलैंड में पिछले साल एक मस्जिद में हमला किया गया था और इसमें 51 लोगों की जान चली गयी थी. न्यूजीलैंड की अदालत ने हमले को अंजाम देने वाले आरोपी को दोषी करार दिया है. अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई है. गौरतलब है कि ब्रेंटन टैरेंट नामक शख्स ने फेसबुक लाइव करके मस्जिद पर हमला किया था और 51 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था.
2019 में हुआ था हमला
आपको बता दें कि पिछले साल मार्च में ब्रेंटन टैरेंट नामक शख्स ने क्राइस्टचर्च की मस्जिद पर हमला किया था. न्यूजीलैंड के सबसे बड़े नरसंहार में 51 लोगों की मौत हुई थी, जबकि दर्जनों लोग घायल हुए थे. 29 वर्षीय बंदूकधारी ऑस्ट्रेलियाई ब्रेंटन टैरेंट ने गुरुवार को अदालत में सजा का विरोध नहीं किया. बड़ी बात ये है कि ब्रेंटन टैरेंट की ओर से सजा का विरोध न किए जाने पर कई लोग चकित रह गए.
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निहत्थे और निर्दोष लोगों की हत्या करना महापाप
बड़ी बात ये है जब मस्जिद में इस शख्स ने हमला किया था और 51 लोगों की मौत हुई थी तब किसी ने भी उंस कट्टरपंथी का समर्थन नहीं किया था बल्कि उसकी भारी आलोचना और निंदा की गई थी. इसका बदला लेने की बात इस्लामिक स्टेट नामक आतंकी संगठन ने कही थी. ये हमला मस्जिद में हुआ था इसलिये आतंकवादियों ने श्रीलंका में एक चर्च में हमला किया था.
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न्यूजीलैंड में कट्टरपंथी को सजा सुनाते हुए जस्टिस कैमरन मंडेर ने कहा कि आप घृणा से प्रेरित इंसान हैं, जो उन लोगों से घृणा करता है, जिन्हें वह खुद से अलग समझता है. आपने अपने द्वारा किए गए नरसंहार की कोई माफी नहीं मांगी, जबकि मैं सराहना करता हूं.