इस्लामाबाद. इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने सोमवार को पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को आतंकवाद से जुड़े एक मामले में बृहस्पतिवार तक के लिए संरक्षित जमानत दे दी है. गौरतलब है कि इस्लामाबाद में शनिवार को हुई एक रैली में पुलिस, न्यायपालिका और अन्य सरकारी संस्थानों को धमकी देने को लेकर खान के खिलाफ आतंकवाद का मामला दर्ज किया गया है.
खान के खिलाफ रविवार को आतंकवाद-विरोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया. खान ने आज अदालत से अग्रिम जमानत का अनुरोध किया था. ‘डॉन’ अखबार की खबर के अनुसार, खान के वकीलों बाबर अवान और फैसल चौधरी द्वारा दी गई अर्जी में कहा गया है, ‘सत्तारूढ़ पीडीएम (पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट) खान को भ्रष्टाचार और भ्रष्ट नेताओं की निडर आलोचना और बेहद स्पष्ट तथा मुखर रुख के कारण निशाना बना रहा है.’
खान ने अर्जी में कहा- मेरे खिलाफ दुर्भावनापूर्ण एजेंडा
अर्जी में कहा गया है, ‘इस दुर्भावनापूर्ण एजेंडा के तहत, वर्तमान सरकार के इशारे पर इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र की पुलिस ने उनके (खान) खिलाफ झूठा और निराधार मामला दर्ज किया है.’ अर्जी में कहा गया है कि सरकार ने ‘झूठे आरोपों के तहत’ इमरान खान को गिरफ्तार करने के लिए ‘सभी हदें पार करने’ का फैसला किया है और ‘किसी भी कीमत पर याचिकाकर्ता (खान) और उनकी पार्टी को फंसाना चाहती है.’
FIR में क्या कहा गया?
दरअसल FIR में कहा गया है कि खान ने अपने भाषण में 'शीर्ष पुलिस अधिकारियों और एक सम्मानित महिला अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश' को धमकी दी थी, जिसका उद्देश्य उन्हें अपने कार्य करने से रोकना था और अपनी पाकिस्तान पार्टी पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) से संबंधित किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्रवाई करने से उन्हें रोकना था.
The fascist Imported govt sunk to a new low today by banning live coverage of my speeches on TV & then blocking YouTube temporarily during my speech at Liaquat Bagh. All this after continuous intimidation of mediapersons & taking channels off air earlier.
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) August 21, 2022
मीडिया ने रैली ब्रॉडकास्ट पर लगाया बैन
इमरान खान द्वारा देश के संस्थानों को धमकी देने के मामले को लेकर मीडिया ने उनकी रैलियों के लाइव प्रसारण पर रोक लगा दी है. इसका भी इमरान खान ने विरोध किया था. उन्होंने ट्वीट किया-देश की आयातित फासिस्ट सरकार आज एक नए स्तर पर गिरी और मेरे भाषणों की लाइव कवरेज पर रोक लगा दी. लियाकत बाग में मेरे भाषण के दौरान तात्कालिक तौर पर यूट्यूब पर भी रोक लगा दी गई है. ये सबकुछ मीडियाकर्मियों को धमकाने और कुछ चैनल्स को ऑफ एयर करने के बाद हुआ है.
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