नई दिल्लीः पाकिस्तान के नए पीएम शहबाज शरीफ भी मुश्किल में फंसते नजर आ रहे हैं. चीनी घोटाला मामले में लाहौर की एक विशेष अदालत ने शहबाज शरीफ, उनके बेटे हमजा शाहबाज और अन्य के खिलाफ कथित तौर पर 16 अरब पीकेआर के शोधन में कथित संलिप्तता के लिए सात सितंबर की तारीख तय की है.
नवंबर 2021 में दर्ज किया गया था मामला
संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने नवंबर 2021 में शहबाज और उनके बेटों हमजा और सुलेमान के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और धन शोधन रोधी अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था. सुलेमान शहबाज ब्रिटेन में फरार हैं. शनिवार को सुनवाई के दौरान अरबों रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भगोड़ा घोषित सुलेमान की संपत्ति का ब्योरा अदालत में पेश किया गया.
दिसंबर 2021 में, एफआईए ने चीनी घोटाला मामले में 16 अरब रुपये की राशि के शोधन में कथित संलिप्तता के लिए शहबाज और हमजा के खिलाफ विशेष अदालत के समक्ष चालान पेश किया था.
शहबाज परिवार के 28 बेनामी खातों का लगा पता
अदालत को सौंपी गई एफआईए रिपोर्ट के अनुसार, जांच दल ने "शहबाज परिवार के 28 बेनामी खातों का पता लगाया है, जिसके माध्यम से 2008-18 के दौरान 16.3 अरब पीकेआर की मनी लॉन्ड्रिंग की गई थी. एफआईए ने 17,000 क्रेडिट लेनदेन के मनी ट्रेल की जांच की."
रिपोर्ट में कहा गया है कि राशि को 'हिडन अकाउन्ट्स' में रखा गया था और 'व्यक्तिगत क्षमता में शहबाज को दिया गया.' इस राशि (16 अरब पीकेआर) का चीनी कारोबार (शहबाज परिवार) से कोई लेना-देना नहीं है.
जानें क्या है आरोप
एफआईए ने आरोप लगाया था कि शहबाज द्वारा कम वेतन वाले कर्मचारियों के खातों से प्राप्त धन को हुंडी/हवाला नेटवर्क के माध्यम से पाकिस्तान के बाहर स्थानांतरित कर दिया गया था, जो अंतत: उनके परिवार के सदस्यों के लाभकारी इस्तेमाल के लिए था.
एजेंसी ने कहा था, "शरीफ समूह के ग्यारह कम वेतन वाले कर्मचारी, जिनके पास मुख्य आरोपी की ओर से धनशोधन की आय थी, धन शोधन की सुविधा के लिए दोषी पाए गए. शरीफ समूह के तीन अन्य सह-आरोपियों ने भी सक्रिय रूप से धन शोधन की सुविधा प्रदान की."
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