इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने वाघा सीमा के जरिए भारतीय या अफगान ट्रकों की ओर से 50,000 मीट्रिक टन गेहूं अफगानिस्तान पहुंचाने के भारत के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. मीडिया में आई एक खबर में इसकी जानकारी दी गई है.
पाकिस्तान ने भारत को मानवीय उद्देश्यों के लिए अपवाद स्वरूप अपने क्षेत्र से पड़ोसी अफगानिस्तान में गेहूं और जीवन रक्षक दवाएं पहुंचाने की इजाजत देने के अपने फैसले के बारे में पिछले हफ्ते आधिकारिक रूप से बताया था.
'मदद देने में नहीं होनी चाहिए कोई शर्त'
‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के मुताबिक, आधिकारिक सूत्रों ने यहां आरोप लगाया कि नई दिल्ली अफगानिस्तान में गेहूं पहुंचाने के लिए अव्यावहारिक विकल्पों का सुझाव दे रही है. भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान को मदद पहुंचाने के तौर तरीकों को अंतिम रूप देने के लिए पाकिस्तान के साथ बातचीत चल रही है.
भारत ने इस बात पर भी जोर दिया कि मानवीय सहायता पहुंचाने पर किसी प्रकार की शर्त नहीं होनी चाहिए.
जिद पर अड़ा है पाकिस्तान
नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, 'हम अपनी बात दोहराते हैं कि मानवीय सहयोग के लिए किसी प्रकार का शर्त नहीं होनी चाहिए.' मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों के मुताबिक, पाकिस्तान जोर दे रहा है कि अफगानिस्तान भेजे जाने वाले गेहूं और दवाओं की खेप बाघा सीमा से पाकिस्तानी ट्रकों में रवाना की जाए, जबकि भारत अपने ट्रक इस्तेमाल करना चाह रहा है.
अखबार ने पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा कि पाकिस्तानी तौर-तरीकों को शर्तों के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि ये अफगानिस्तान के लिए भारत की मानवीय सहायता को सुविधाजनक बनाने के लिए हैं.
बता दें कि बीते 7 अक्टूबर को भारत ने अमेरिका और UN की अपील पर 50 हजार टन गेहूं, दवाइयां अफगानिस्तान भेजने की घोषणा की थी. यह सामान वाघा बॉर्डर से पाकिस्तान से होते हुए ट्रकों के जरिए अफगानिस्तान जाना है.
भारतीय विदेश मंत्रालय के पत्र का जवाब पाकिस्तान ने 24 नवंबर को दिया, लेकिन इसके साथ ही फिजूल शर्तें रख दीं. पाक का कहना है कि वाघा बॉर्डर से यह सामान पाकिस्तान के ट्रक लेकर जाएंगे.
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